कुरुक्षेत्र न्यूज़

हरियाणा के पिपली जू में आये 3 नन्हें मेहमान, शेरनी साक्षी ने दिया शावकों को जन्म अब CCTV से होगी निगरानी

कुरुक्षेत्र :- हरियाणा के पिपली Zoo में शेरनी साक्षी माँ बनी है. साक्षी ने तीन शावकों को जन्म दिया है. माँ व बच्चे बिल्कुल ठीक है. तीनों शावक और उनकी मां स्वस्थ है. 11 साल की साक्षी ने 5वीं बार बच्चों को जन्म दिया है. वह बच्चों को अपना दूध पिला रही है. चिड़ियाघर के अधिकारी इस परिवार पर CCTV कैमरे से अपनी नज़र बनाये हुए है. शावकों के जन्म होने से चिड़ियाघर के अधिकारी और काम करने वाले बहुत खुश नज़र आ रहें है.

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zoo

अपनी माँ के साथ बाड़े में घूमते है बच्चे 

साक्षी ने गत माह इन शावकों को जन्म दिया था, लेकिन पर्यटकों को मद्देनज़र रखते हुए यह बात सार्वजनिक नहीं की गई थी. वहीं शावकों की Safety को ध्यान में रखते हुए शावकों के पिता गीत को उनसे परे रखा गया है. गीत पर भी निगरानी की जा रही है.  पशु चिकित्सकों के परामर्श के मुताबिक Shakshi को खाना दिया जा रहा है. वहीं तीनों शावक अपनी मां के साथ ही अपने घर (बाड़े) में विचरण करते हैं. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

May 2020 में भी साक्षी बनी थी मां 

आपको बता दें कि पिछली बार May 2020 में भी साक्षी तीन शावकों की मां बनी थी, लेकिन उनमें से एक शावक कमजोर पैदा हुआ था इसीलिए उसकी Death हो गई थी. इस बार अधिकारी Mating के बाद से ही साक्षी पर नजर रख रहे थे. इस बार साक्षी का और भी ध्यान रखा जा रहा था. जैसे ही साक्षी ने बच्चों को जन्म दिया, साक्षी और शावकों के स्वास्थ्य की जांच पड़ताल की गई.

पहली बार 2016 में दिया जन्म 

साक्षी पहली बार दो December 2016 को दो शावकों की मां बनी थी लेकिन दुर्भाग्य पूर्वक दोनों शावक नहीं बच पाए थे. इसके बाद पांच मई 2017 को साक्षी ने तीन शावकों को जन्म दिया था. लेकिन ये भी जीवित नहीं रह पाए.  फिर साक्षी ने तीसरी बार सात जून 2018 को पांच शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से दो 24 घंटे बाद मृत्यु को प्राप्त हो गए. तीन शावक सुधा, गीता और अर्जुन का पालन पोषण America से दूध मंगाकर किया गया था. फिलहाल ये तीनों शावक Rohtak Zoo में है. अबकी बार साक्षी चौथी बार 17 जून को माँ बनी है और उसने तीन शावकों को जन्म दिया है.

2015 में कुरुक्षेत्र आए शेरनी साक्षी और शेर गीत

साक्षी और शेर गीत को 2015 में गुजरात के जूनागढ़ से Kurukshetra लाया गया था. गीत को शावकों के जन्म से पहले ही अलग कर दिया गया था. कोई भी साक्षी के बाड़े के पास नहीं जाता. साक्षी के बाड़े के पास किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है. Expert कर्मचारी ही उसे खाना देने जाता है.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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