रॉकेट की रफ्तार से बढ़े सरसों के भाव, किसान भाई बांट रहे हैं लड्डू
नई दिल्ली :- खेती से जुड़ी हर फसल में किसानों और व्यापारियों को कुछ न कुछ समस्याएं होती हैं, और सरसों की फसल (Sarso Ka Mandi Bhav) भी इससे अलग नहीं है। हाल ही में खेतों में सरसों की फसल की कटाई तेज़ी से बढ़ने के साथ ही कृषि उपज मंडी में सरसों की आवक ( Mustard Mandi Price) भी बढ़ गई है। लेकिन नई सरसों में अधिक नमी होने के कारण मंडी में उसके दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। नमी की वजह से इस समय सरसों की नीलामी में काफी समस्याएं आ रही हैं, और व्यापारी पुराने सरसों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको नई सरसों की नमी, उसके दामों और मंडी की स्थिति के बारे में विस्तार से बताएंगे।
नई सरसों में नमी
सरसों की नई फसल में अभी काफी नमी है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इस समय मंडी में सरसों के दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, और व्यापारियों के अनुसार नमी के कारण नई सरसों की खरीदी कम हो रही है। नमी की वजह से मशीन से ऑयल का सही परीक्षण नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण नीलामी के दौरान गुणवत्ता को परखने के लिए परंपरागत तरीका अपनाया जा रहा है। नई सरसों के दाम अभी 5100 से 5900 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह रहे हैं। यही नहीं, व्यापारियों का कहना है कि नमी के कारण सरसों की लंबी अवधि तक भंडारण भी संभव नहीं है, क्योंकि इससे सरसों में फफूंदी लगने का खतरा रहता है।
मंडी में सरसों की आवक और दामों का हाल
मंडी में सरसों की आवक लगातार बढ़ रही है, जिससे सरसों की ढेरियां मंडी यार्ड में देखी जा रही हैं। करौली, दौसा, भरतपुर, और सवाईमाधोपुर जैसे क्षेत्रों से अगेती सरसों का आना शुरू हो गया है। हालांकि, नई सरसों में नमी की मात्रा 15 से 35 प्रतिशत तक पाई जा रही है, जो उसकी गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। इस वजह से व्यापारियों को सरसों को पहले सुखाना पड़ता है, ताकि वह खराब न हो जाए।
दिनांक आवक (क्विं) भाव (रुपये/क्विंटल) 15 फरवरी 2060 5100-5800 17 फरवरी 2866 4900-5936 18 फरवरी 1484 4981-5726 19 फरवरी 2600 5036-5850
20 फरवरी 4000 5100-5900
पुरानी सरसों की स्थिति
इसके विपरीत, पुरानी सरसों की मांग काफी बनी हुई है। व्यापारियों के अनुसार पुरानी सरसों की गुणवत्ता अधिक बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इसमें नमी की मात्रा बहुत कम होती है। पुरानी सरसों की खरीदारी ऑयल लैब टेस्ट के आधार पर की जाती है, और इसके दाम भी अधिक होते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुवार को 42 कंडीशन सरसों का भाव 6055 रुपए प्रति क्विंटल था।
व्यापारियों की चिंताएँ और समाधान
व्यापारी संतोष बंडी भोला का कहना है कि नई सरसों की नमी के कारण उन्हें खरीदारी में दिक्कत हो रही है। विशेषकर छोटी और मझोली ऑयल मिलों को नई सरसों की गुणवत्ता पसंद नहीं आ रही है, और केवल बड़े सॉल्वेंट प्लांट्स ही इसे खरीद पा रहे हैं। सौरभ बंसल, कृषि उपज मंडी व्यापार संघ के महामंत्री, का कहना है कि नमी की वजह से सरसों का लंबे समय तक भंडारण करना मुमकिन नहीं है। इसके लिए पहले सरसों को सुखाना पड़ता है, जिससे उसका वजन कम हो जाता है और व्यापारी को नुकसान उठाना पड़ता है।