President Haryana Visit: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पसंद आई हरियाणा की जलेबी, जलेबी बनाने वाली जींद की बेटी को किया सम्मानित
जींद :- यदि महिला कुछ करने की ठान लेती हैं, तो वह आसमान तक जा सकती है. ऐसा ही कुछ हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली एक महिला ने करके दिखाया है. जींद जिले के इगराह गांव की सुनीता पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है. बता दें कि अंबाला के गांधी मैदान में एक मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में सुनीता अपने पति और बेटे के साथ आई. इस मेले में इन्होने लोगों को मशरूम की मिठाइयां, मशरूम के पकौड़े व अन्य उत्पादों का जायका चखाया. सुनीता को एक महिला प्रगतिशील किसान के रूप में आज हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में सम्मानित भी किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने हाथों से उनको सम्मानित किया.
जींद जिले की सुनीता देवी को किया गया सम्मानित
जब सुनीता देवी से इस बारे में बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि वह अपने कर्म के बलबूते पर ही आज यहां तक पहुंची है. सुनीता और उनके पति ने सबसे पहले सन् 2010 में ढाई सौ वर्ग के प्लाट में मशरूम की खेती शुरू की थी. इसके बाद जब उन्हें इस खेती में मुनाफा होने लगा, तो इन्होंने हरियाणा के करनाल और हिमाचल प्रदेश में भी मशरूम की खेती करना शुरू कर दिया. सब कुछ काफी अच्छा चल रहा था. उन्होंने देखा कि देश में हर व्यक्ति 1 साल में 8 से 12 ग्राम मशरूम का ही सेवन कर रहा है.
साल 2015 से बना रहे हैं मशरूम की मिठाई
जब इन्होंने इसके पीछे की वजह पता लगाई, तो पता चला कि लोग मशरूम को मांसाहार मानते हैं. यही से इन्होंने ठाना कि वह इस भ्रांति को खत्म कर देंगी और लोगों को जागरूक करने का काम करेंगी. सुनीता और इनके पति अशोक को साल 2015 में विचार आया क्यों ने मशरूम से मिठाई बनाई जाए, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छी हो. फिर इन्होंने एक स्टार्टअप शुरू किया.
जींद जिले में है दो दुकानें
आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है, मुझे कॉमेंट मे जरूर बताएं. इन्होने एचएयू के एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर में भी Training ली. आज वह 12 किस्मों के मशरूम से मिठाई बनाते हैं जिसमें मशरूम की जलेबी, मशरूम के लड्डू, बर्फी, कलाकंद, रसगुल्ला आदि शामिल है. हरियाणा के जींद जिले में भी इनकी दो दुकानें हैं. जहां से देश विदेशों में मशरूम जाता है. इससे पहले भी सुनीता देवी को राज्यपाल की तरफ से सम्मानित किया जा चुका है.