हमारा इतिहास

Mughal Haram: जाने मुगलों के हरम की खौफनाक कहानी, इन वजहों से महिलाओं को धोना पड़ता था जान से हाथ

मुग़ल इतिहास :- मुगलों ने लंबे वक्त तक हिंदुस्तान पर हुकूमत की थी. मुगलों के इतिहास में मुगल शासकों के शासन के साथ साथ हरम का भी जिक्र आता है, हरम मुख्यतः सभी मुगल शासकों के ऐशो आराम के लिए था. हरम में बादशाह की कई दासियां होती थी जों बादशाह और उनकी मल्लिकाओं की सेवा में लगी रहती थी. इसके बावजूद हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इस (Mughal Haram) हरम में फांसीघर या कुंआ भी होता था.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

holi celibration in mughal time

गलती करने वाली महिलाओं को मिलती थी कड़ी सजा 

इतिहास में इससे जुड़ी कई कहानियां मौजूद है. हरम मात्र सौंदर्य, कला या सेवा के लिए नहीं था, बल्कि यहां गलती करने वाली औरतों को शासन सख्त सजा भी देता था. जो भी महिला राजा का कहा नहीं मानती थी या फिर गद्दारी करती थी उनके साथ बिल्कुल बेरहम व्यवहार किया जाता था. उन्हें फांसी पर लटका दिया जाता था, और उसके शव को कुएं में फेंक दिया जाता था. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

अकबर के हरम में थी 5000 से ज्यादा महिलाएं

इतिहासकारों का कहना है कि हरम का अर्थ तहखाना या अलग से कोई हॉल नहीं होता था. बल्कि पूरा का पूरा इलाका भी हरम हो सकता था. यह बात हरम में रहने वाली दासियों की संख्या पर आधारित थी. अगर किसी बादशाह की सेवा में ज्यादा दासियां उपलब्ध थी तो उन्हें एक अलग क्षेत्र में बसा कर रखा जाता था. इतिहासकार कहते हैं कि शहंशाह अकबर के हरम में पांच हजार से ज्यादा औरतों को रखा जाता था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी शाही हॉल में इतनी सारी महिलाएं कैसे रहती थी. हर बादशाह के हरम के अपने निजी तौर तरीके होते थे.

हर किसी को हरम में जाने की नहीं थी मंजूरी

यहां रहने वाली महिलाओं को यहां के रीति रिवाजों का पालन करना होता था. मुगलों के हरम में हर आयु की महिलाएं होती थीं. उम्रदराज होने के बाद भी महिलाएं वहां रहती थीं, और महलों के काम करती थीं. हरम की महिलाएं मुख्य रूप से तो राजा की सेवा में होती थी लेकिन उन्हें रानियों की दासी भी कहा जाता था. हर किसी को मुगलों के हरम में जाने की अनुमति नहीं थी. हरम में मात्र राजा ही जा सकता था. हरम में रहस्यमई रास्ते और सुरंगें भी होती थीं. हरम में रहने वाली महिलाओं पर नजर रखी जाती थी. जो भी महिला कुछ गलती करते हुए पकड़ी जाती थी तो उसे सजा-ए-मौत मिलती थी.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button