Haryana News: हरियाणा रोडवेज के बेड़े मे शामिल हुईं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस बसें, पर मेंटेनेंस के लिए मैकेनिक नहीं
रोहतक :- हरियाणा में रोडवेज विभाग की तरफ से भले ही अपने बेड़े में काफी नई बसों को शामिल किया गया है, परंतु फिर भी यात्रियों की परेशानियां समाप्त नहीं हो रही. रोडवेज की व्यवस्थाओं के बाद भी यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. Department की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस नई बसों को तो शामिल कर लिया गया, परंतु इनके मेंटेनेंस के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं रखा गया है . बसों में कई प्रकार की तकनीकी खामी आ रही है, Bus स्टार्ट नहीं हो रही या फिर रास्ते में ही रुक जाती है.
यात्रियों को करना पड़ रहा है घंटो तक इंतजार
इस वजह से बसों के दोबारा चलने में यात्रियों को घंटों का इंतजार करना पड़ता है. वर्कशॉप में प्रशिक्षित कर्मचारी तकनीकी खामी को दुरस्त नहीं कर पाते है. रोडवेज विभाग की तरफ से Roadways डिपो को 30 नई बसें दी गई थी. इनमें से 18 बसें तो 3 महीने पहले ही दी गई है, 12 बसें जल्द ही विभाग को मिलने वाली है. इसके अलावा जिले में 200 इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाने पर भी काम किया जा रहा है, परंतु इन bs6 इंजन की बसों का मेंटेनेंस करने के लिए डिपो में प्रशिक्षित मैकेनिकों की तैनाती को लेकर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है.
Bs- 6 इंजन की मेंटेनेंस के लिए उपलब्ध नहीं है कोई भी कर्मचारी
पहले से मौजूद कर्मचारी केवल bs3 इंजन में सामान्य सिस्टम की मेंटेनेंस करने की जानकारी रखते हैं, परंतु नई बसों में पूरा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होने की वजह से मेंटेनेंस करना उनकी समझ से बाहर है. नई बसों में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का दायरा भी काफी बढ़ाया गया है, इसी वजह से पूरी बस में वायरसों के लिए जगह-जगह कटआउट लगाए गए हैं. इसमें करंट का जरा सा झटका हर जगह करंट की सप्लाई को रोक देता है. उसके बाद मकैनिक जब बस चेक करता है, तो उसे कुछ भी समझ नहीं आता. फिर अंदाजा लगाया जाता है कि कहीं कटआउट या प्लग में पानी तो नहीं चला गया. उसे करीब 30 मिनट तक बस खड़ी करके पानी सुखाने के बाद ही स्टार्ट कर पाते हैं.
इन वजहों से भी अचानक रुक जाती है बस
इसके अलावा बस के सेंसर में करंट से शॉर्ट सर्किट के कारण चलती बस की स्पीड कम हो जाती है. कई बार चालक की गलती की वजह से Speed 85 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक बढ़ाने पर बस अपने आप रुक जाती है. इस बीच यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस प्रकार की बसों को स्टार्ट करने में भी काफी परेशानी आती है, जिस वजह से घंटो- घंटो तक यात्रियों को बैठकर इंतजार करना पड़ता है. फिलहाल प्रशिक्षित कर्मचारियों के अभाव में आ रही समस्या कोई नई नहीं है, इसके बाद विभाग नें इससे कोई भी सबक नहीं लिया.