Kurukshetra News: हरियाणा की लाडो ने दृष्टिहीनता की बाधा को पीछे छोड़ प्राप्त किए 95 फ़ीसदी अंक, परिवार और पुरे क्षेत्र में खुशी का माहौल
एजुकेशन डेस्क :- कहते हैं ना जब मन में कुछ करने की ललक हो तो कोई भी बाधा बीच में नहीं आती. कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में हुआ है. गगनजोत बचपन से दृष्टिहीन है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे अपनी सफलता में बाधा नहीं बनने दिया और सफलता हासिल की है. गगनजोत के माता-पिता को अपने बेटी पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है.
भाई भी दृष्टिहीन होने के साथ-साथ बोलने में असक्षम
आपको बता दें कि पिपली की रहने वाली गगनजोत ने 12वीं की परीक्षा में 95.06 फीसदी अंक प्राप्त किये है. कल जैसे ही CBSE ने अपने परीक्षा परिणाम जारी किए गगनजोत को बधाई देने वालों की लाइन लगी हुई है. गगनजोत बचपन से ही दृष्टिहीन है. गगन के पिता गुरविंद्र सिंह अनटेहड़ी गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल में शिक्षक है जबकि मां रूपिंद्र कौर हाउसवाइफ है. गगन का भाई अमरप्रीत भी दृष्टिहीन के साथ-साथ बोल पाने में भी अक्षम है.
दसवीं में भी किया था Top
गगनजोत ने अपना परीक्षा परिणाम आने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दृष्टिहीनता के चलते उनके माता-पिता ने उन्हें चंडीगढ़ के Sector 26 में स्थित इंस्टीटयूट ऑफ ब्लाइंड में एडमिशन दिलाया , जहां उन्होंने 10वीं कक्षा में भी टॉप किया और इस बार फिर अच्छे Number लेकर Record बनाये रखा. गगनजोत के पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर पूरा भरोसा था. गगनजोत के पिता का कहना है कि मेरी बेटी ने दृष्टिहीनता को कभी भी समस्या नहीं बनने दिया और कड़ी मेहनत से अपनी प्रतिभा दिखाई है.
खुद पर था पूरा भरोसा
गगनजोत कहती है कि वह हर समय पढ़ाई में ही लगी रहती थी और उन्हें खुद पर पूरा विश्वास था. जहां Institute में शिक्षक खूब पढ़ाते थे वहीं टयूटर भावना से पिपली में भी बहुत कुछ सीखने को मिला. माता-पिता के प्रोत्साहन व अपने सभी शिक्षकों की वजह से वह सफल हुई है. उन्होंने बताया कि परीक्षा के दिनों में वह घर पर ही आ गई थी और Youtube से भी अपनी परीक्षा के लिए तैयारी करती रही. गगनजोत का कहना है कि उनका Target 12वीं कक्षा में 95% अंक लेना था जो पूरा हो गया है. अब वह आगे पढ़कर Professor बनना चाहती है और समाज में शिक्षा की अलख जगाना चाहती है.