बैंकों में पड़े बेनाम 3500 करोड रुपए, नहीं मिल रहा कोई भी दावेदार अब ऐसे लौटाएगी सरकार
नई दिल्ली :- देश के सभी बैंकों में हजारों – करोड़ों रुपए की बेनाम संपत्ति जमा है. आपको बता दें कि इस संपत्ति का कोई दावेदार नहीं है. अब इस पैसे का Settlement के लिए सरकार के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है. हाल ही में वित्त मंत्री ने Financial Stability and Development Counseling की बैठक में इसे लेकर एक खास अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. सरकार इस बेनाम राशि को इसके सही दावेदार को लौटाने के लिए Full Proof Plan बना रही है. बैंकों में पड़ी यह बेनाम राशि करीब 35 सौ करोड रुपए है.
वित्त मंत्री ने किया बड़ा ऐलान
FSDC की बैठक में बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं में बिना दावे वाली रकम को संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार के द्वारा अभियान चलाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 3500 करोड रुपए की बेनामी संपत्ति को लेकर रेगुलेटरस से कहा कि वे Banking Share Dividend Mutual Fund and Insurance के रूप में जहां बिना दावे वाली रकम पड़ी है उसकी सेटेलमेंट के लिए एक खास अभियान चलाएंगे. इस पूरे मामले में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ का कहना है कि इस काम को तरीके से किया जाएगा.
फरवरी 2023 तक बेनाम रकम का आंकड़ा
पब्लिक सेक्टर के बैंक ने फरवरी 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35 करोड रुपए की राशि Reserve Bank को ट्रांसफर की थी. आपको बता दें कि यह राशि उन खातों में जमा की गई थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन – देन नहीं हुआ है. यह रकम अलग – अलग बैंकों के 10.24 करोड़ खातों में से संबंधित थी.
क्या होता है Unclaimed Deposit
आप भी नहीं जानते कि Unclaimed Deposit क्या होता है? तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. अलग – अलग बैंक सालाना आधार पर Bank Accounts Review करते हैं. इस Review में पता लगाया जाता है कि ऐसे कौन – कौन से बैंक अकाउंट है जिनमें काफी समय से कोई लेन – देन नहीं हुआ है. जब भी किसी डिपॉजिटर्स की तरफ से पिछले 10 सालों के दौरान किसी अकाउंट में न तो कोई Fund डाला है और ना ही निकाला है तो इस अकाउंट में पड़ी राशि को Unclaimed Deposit मान लिया जाता है. इसके पश्चात बैंक इन ग्राहकों से Connect करने की कोशिश भी करते हैं.
बैंक देते हैं RBI को जानकारी
जब भी किसी बैंक में बेनाम रकम मिलती है तो बैंक की तरफ से RBI को इसकी जानकारी दी जाती है. इसके पश्चात यह Unclaimed Deposit Depositors Education & Awareness में ट्रांसफर कर दिया जाता है. आरबीआई इस तरह के डिपॉजिटर्स को लेकर Awareness Campaign चलाता रहता है ताकि इसके इस रकम के दावेदारों का पता लगाया जा सके. आपको बता दें कि बैंक में Unclaimed Deposit के बढ़ने के कई Reason होते हैं. इसमें से मुख्य कारण Depositors की मौत तथा उनके नॉमिनी दस्तावेजों में दर्ज न होने से उस अकाउंट में जमा राशि का कोई भी हकदार नहीं मिलता है.
RBI ने तैयार किया पोर्टल
Unclaimed Deposit को उसकी सही दावेदार तक पहुंचाने के लिए आरबीआई की तरफ से Credit Policy बनाने की तैयारी की जा रही है. इस पॉलिसी के बारे में RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास जी ने कहा कि हम कई ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिससे डिपाजिट का पैसा Unclaimed Deposit में ना जाए. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह के डिपॉजिट और इसके लाभार्थियों के आंकड़ों के लिए केंद्रीय बैंक ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स की सहायता से Design किया गया एक Web Portal तैयार किया है. इस पोर्टल की सहायता से Unclaimed Depositors को लेकर सही इनपुट के साथ – साथ अलग बैंकों के डिपॉजिटरी की जानकारी भी मिल सकेगी.
US बैंकिंग संकट का भारत पर नहीं है असर
FSDC की 27 वीं बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास समेत सभी वित्तीय क्षेत्रों के नियामक भी शामिल हुए. आपको बता दें कि यह 2023 का बजट पेश किए जाने के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक थी. इस बैठक में अजय सेठ ने कहा कि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना एक जिम्मेदारी है और सभी सदस्य इस दिशा में कार्य करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अमेरिका में बैंकों के विफल होने का भारतीय वित्त प्रणाली पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.