1200 पुलिसकर्मी और 50 CID के बावजूद CM मनोहर लाल की सुरक्षा में बड़ी चूक, जनसंवाद में जमकर मचा बवाल
सिरसा :- क्षेत्र के खैरेकां में शनिवार को सुबह पहला जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. सुबह लगभग साढ़े 10 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंच पर पहुंचे. मुख्यमंत्री ने देखा कि सुरक्षा कर्मचारी चारों तरफ खड़े हैं और मंच के बिल्कुल सामने डी बनाई गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देखिए, रैली और जन संवाद में फर्क जाना होगा. जन संवाद के दौरान जनता से सीधा संवाद होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि काले कपड़े वाले (सुरक्षा कर्मचारी) पीछे हट जाएं और आम जनता जो पीछे खड़ी हुई है पर बिल्कुल मंच के सामने आकर बैठ जाएं.
आनन-फानन में प्रदर्शनकारियों को लिया गया हिरासत में
इस प्रकार मुख्यमंत्री ने आम लोगों से सीधा वार्तालाप किया. Program के आखिरी समय में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की , जिससे प्रशासन हक्का बक्का रह गया. प्रदर्शनकारियों को आनन-फानन में पकड़ा गया, परंतु बड़ा सवाल ये है कि आखिर 1200 से ज्यादा पुलिस कर्मचारियों और 50 से ज्यादा CID कर्मचारियों के बावजूद प्रशासन प्रदर्शनकारियों के हाव भाव नहीं समझ पाया और ना ही उनकी रणनीति जान पाए.
जिले में विरोध की पहले ही दी गई थी चेतावनी
माइक जनता के बीच में लगे हुए थे. ऐसे में अचानक कहीं से माइक पर आवाज आई कि मुख्यमंत्री जी Free बिजली और पानी कब दे रहे हो. मुख्यमंत्री ने इसका तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरे, किसके हाथ में है माइक आगे आ, मैं फ्री पिलाता हूं पानी. लेकिन वह व्यक्ति सामने नहीं आया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी मंशा समझ में आ रही है. उन्होंने एक कहानी के माध्यम से उदाहरण देते हुए कहा कि हम इतना सक्षम बनाना चाहते हैं कि लोग अपने खर्चे खुद उठा सके , न कि मुफ्त की चीजों पर आधारित हो. मुख्यमंत्री के आने से पहले ही जिले में विरोध किए जाने की Warning दी गई थी.
मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से सुनी शिकायतें
इसके बावजूद सुरक्षा कर्मचारी स्थिति पर नियंत्रण नहीं पा सके. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एक-एक करके जन संवाद कार्यक्रम में Entry की. उन्हें सुरक्षा कर्मचारियों ने देखा भी और टोका भी, लेकिन प्रदर्शनकारियों के भाव नहीं समझ पाए. कार्यक्रम जब समाप्त होने वाला था मुख्यमंत्री शिकायतें Personal रूप से ले रहे थे तो अचानक कुछ लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. इससे अफरा-तफरी मच गई सुरक्षा कर्मचारियों ने तुरंत प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण करने की कोशिश की लेकिन वे बिखर गए. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं.
भारी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री को किया गया रवाना
नारेबाजी की घटना होने के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी गई. सुरक्षा कर्मचारी घेरा बनाकर काफिले की गाड़ियों के चारों ओर खडे हो गए. भारी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री को अगले कार्यक्रम के लिए भेज दिया गया. इसके अलावा National Highway पर साहुवाला प्रथम गांव के पास भी विरोध प्रदर्शन की सूचना के बाद भारी पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई. बताया जा रहा है कि गांव साहुवाला प्रथम में आशंकित प्रदर्शनकारियों को गुरुद्वारा में कुछ समय के लिए ठहरा दिया गया और CM के काफिले को बडागुढ़ा की ओर भेज दिया गया.