Hindu Religion: जाने हिंदू धर्म में कितनी है देवी- देवताओ की संख्या, दूर हो जाएगी 33 कोटी या 33 करोड़ की शंका
आध्यात्मिक रहस्य, Hindu Religion :- भले ही आज कलयुग चल रहा हो, आज के समय में भी लोग प्रतिदिन देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं. वही किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले देवी देवताओं की ही आराधना की जाती है. एक ही भगवान के कई स्वरूप माने जाते हैं. आज भी कई ऐसे अनसुलझे विषय है जिन पर शोध चल रहा है. पिछले लंबे समय से Hindu धर्म में मान्यता चली आ रही है कि कुल 33 करोड़ देवी देवता है, वहीं दूसरी तरफ मान्यता है कि कुल 33 कोटि देवता है, परंतु आज तक इस कोटि शब्द का अर्थ पता नहीं चल पाया है. आइए जानते हैं कोटि शब्द का अर्थ क्या है.
33 कोटि देवता का वर्णन
आचार्य रामचंद्र मिश्र ने जानकारी देते हुए कहा कि यदि हम 33 कोटि देवी देवताओं की बात करें तो इसमें 8 वसु, 11 रुद्र 12 आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल है. 11 रुद्रो में शिव, महत, मनु, मन्यु, उम्र तेरस, भव, धृतध्वज, महीनस, रामदेव और काल शामिल है. जबकि 8 वसुओ में सोम, धर, अनल, प्रभाष, प्रत्यूष, ध्रुव, आप आदि का Name शामिल है. वही 12 आदित्यों में विष्णु, भग, इंद्र, वरुण, मित्र, अंशुमन, वैवस्वत, पूषा के Name प्रमुख है. उन्होंने कहा कि इन सभी देवताओं से 33 कोटि देवताओं की संख्या पूर्ण होती है और इन्हीं के अन्य नाम भी अलग- अलग प्राचीन धर्माचार्यों के मत हेतु जुड़ जाते हैं. दूसरे मत के अनुसार है 33 करोड़ देवी देवता भी हो सकते हैं.
तुलसीदास की चौपाई से होगा स्पष्ट
सियाराम मय सब जग जानी, कर हूं प्रणाम जोरि जुग पानी..
आचार्य रामचंद्र मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि राम भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी रामचरित्रमानस की इस चौपाई में लिखा है कि हम सब में भगवान निवास करते हैं हमें उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए. भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार थे, हिंदू धर्म में भगवान श्रीराम को सृष्टि के सृजनहार के रूप में भी जाना जाता है. आज भी भगवान राम को देवता के रूप में पूजा जाता है, वहीं उनके बनवास से लौटकर आने की खुशी में जैसे अयोध्या में दिए जलाए गए थे वैसे ही आज भी उनके लिए प्रत्येक वर्ष दिवाली के दिन दीए जलाए जाते हैं.
सभी जीव जंतुओं में श्रीहरि करते हैं वास
सनातन परंपरा के अनुसार अग्नि, जल, वायु, Earth और भूमि इन सभी की पूजा-अर्चना का विधान है, यहां तक की श्राद्ध के Time कौए की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा उल्लू, चीटियों और गायों को भी पूजा जाता है. श्रीमद भागवत गीता में बताया गया है सभी जीव- जंतुओ में भगवान श्रीहरि का वास है जिससे लगभग 33 करोड़ देवी रूपी जीव पूर्ण होते हैं. तुलसीदास की चौपाई से स्पष्ट होता है कि 33 कोटि देवताओ का वर्णन ही सही है और 33 करोड़ देवी- देवता होने की बात भी सही है.