पानीपत में दुल्हन के मामा न होने पर मौसी ने भरा भात, एक लाख रूपए के साथ खूब दिया सोना- चांदी
पानीपत :- हरियाणा के पानीपत जिले के गांव धनसोली में भांजी की शादी में जींद के बुड्ढा खेड़ा गांव की रहने वाली दो बहनों ने भात भर कर समाज के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है. इस पल के साक्षी बने ग्रामीणों ने भतियों का खास तरीके से भव्य स्वागत किया.
मौसी के सिर सजी भात की पगड़ी
गांव धनसोली में सुरेंद्र नाम के निवासी और उसकी पत्नी सरोज की बेटी खुशबू की शादी थी. खुशबू की सोनीपत के गांव खेड़ी मनाजात से बारात आई थी. आपको बता दे कि सरोज का मायका जींद के बुड्ढा खेड़ा में है. सरोज के कोई भात भरने वाला सगा भाई नहीं था. सरोज की चचेरी बहन डॉक्टर सिमरन खानपुर मेडिकल कॉलेज डॉक्टर है. यह परिवार का पहला भात था. भाई की कमी महसूस नहीं हो इसलिए सिमरन और गगनदीप भात भरने पहुंचे और विधिवत रूप से अपनी भांजी खुशबू भात भरा.
मामा का फर्ज मौसी ने निभाया
इस अवसर पर भांजी खुशबू ने कहा कि मामा नहीं है तो क्या हुआ मेरी मौसी तो है, जिन्होंने आज पूरे समाज के सामने मिसाल पेश की है. सिमरन व गगनदीप के पिता देवेंद्र बोरा के अनुसार उनकी बेटियां भात में 1.01 लाख रुपए नकद, 11000 की माला, एक तोले सोना तथा 200 ग्राम चांदी के गहने दिए हैं.
भात के लिए Salary से जमा किए पैसे
बुड्ढा खेड़ा निवासी देवेंद्र बोरा सोनीपत Court में Deputy DA है. उनकी बेटी सिमरन Khanpur Medical College में डॉक्टर है. दूसरी बेटी गगनदीप दिल्ली में Bsc की पढ़ाई कर रही है. देवेंद्र बुरा के बड़े भाई विजय की एक बेटी सरोज है.सरोज की शादी धन्सौली गांव में हुई थी. सरोज के एक बेटी और एक बेटा है. रविवार को सरोज की बेटी खुशबू की शादी थी. इसमें भात भरने की रस्में देवेंद्र की दोनों बेटियों ने निभाई. सिमरन ने बताया कि उन्होंने भारत के लिए अपनी Salary से बचत कर पैसा इकट्ठा किया है.