MDU यूनिवर्सिटी के VC पर यौन शोषण के आरोप, INSO राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- उनके पास आपत्तिजनक वीडियो प्रोजेक्टर पर चलाएंगे
रोहतक :- विद्या का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों और विश्वविद्यालयों से प्रतिदिन ऐसी- ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिस पर विश्वास करना लोगों के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है. लोग एक भरोसे के साथ अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूलों में या विश्वविद्यालयों में भेजते हैं. यदि इन्हीं में से यौन शोषण से संबंधित घटनाएं सामने आने लगे तो लोग शिक्षा केेे लिए अपने बच्चों को विश्वविद्यालयों में नहीं भेज पाएंगे. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) रोहतक के VC प्रो. राजवीर सिंह पर INSO के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं.
MDU के VC पर लगे गंभीर आरोप
INSO के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने MDU के VC पर यौन शोषण के आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में भी एक ऐसा ही मामला आया था जिसकी सूचना राष्ट्रीय महिला आयोग को दी गई थी. इसके बावजूद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसके बाद उन्होंने कहा कि MDU के VC राजवीर सिंह से जुड़ी कुछ आपत्तिजनक Video भी उनके पैन Drive में मौजूद है. जिसकी फॉरेंसिक जांच करवाई जानी चाहिए.
वीडियो को सार्वजनिक करने के लिए कहा
प्रदीप देशवाल ने कहा कि उनके पास स्थित इस वीडियो की फॉरेंसिक जांच करवाई जाए और वीडियो को सार्वजनिक किया जाए, ताकि सभी लोग हकीकत से रूबरू हो सके. इसके बाद उन्होंने कहा कि VC राजवीर सिंह RSS को खुश करने में लगे रहते है, वे बच्चों की कक्षाएं नहीं बल्कि शाखाएं लगाते हैं. वे विश्वविद्यालय के संसाधनों का उपयोग राजनीतिक कार्यकर्ताओं को खुश करने में करते हैं. इसके बाद उन्होंने CM पर आरोप लगाए कि वह पता नहीं किस मजबूरी में राजवीर सिंह को ओबलाइज़ करने के लिए विश्वविद्यालय को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.
विश्वविद्यालय को बर्बाद नहीं होने देंगे- प्रदीप देशवाल
प्रदीप देशवाल ने कहा कि यदि सरकार किसी गलतफहमी में है तो वह उसे अपने दिमाग से निकाल दे क्योंकि वे विश्वविद्यालय को इस तरह बर्बाद नहीं होने देंगे. इसके बाद उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले MDU में माली पद पर तैनात सचिन ने Suicide नोट छोड़ आत्महत्या कर ली थी. माली ने बताया कि VC और ऑफिस के कर्मचारियों ने मिलकर नौकरी के नाम पर इनसे 50,000 रुपये लिए थे, परंतु उन्होंने नौकरी देने की बजाय माली को नौकरी से ही हटा दिया था. इसके बावजूद भी आरोपियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई.