HBSE: हरियाणा बोर्ड के बच्चो की मौज, अब स्विज़रलैंड बोर्ड से प्रमाणित होंगी मार्कशीट- मिलेंगे ये बड़े फायदे
चंडीगढ़ :- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) और स्विजरलैंड बोर्ड के बीच MOU हुआ है जिसके तहत सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी International Level मानकों के अनुसार Training दी जाएगी. नए समझौते के अनुसार अब राज्य में 10वीं-12वीं की बोर्ड मार्कशीट हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के अतिरिक्त स्विजरलैंड बोर्ड से भी Certified की जाएगी. Contract के बाद अब स्विजरलैंड बोर्ड भी HBSE की Marksheet पर Sign और स्टेम्प लगाएगा.
IB दुनिया के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित संस्थानों में शामिल
यह Contract पाथवेज स्कूल गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षामंत्री कंवर पाल गुर्जर और IB के महानिदेशक ओली- पेक्का हेनोनेन के बीच हुआ. आपको बता दें कि उस वक़्त वहाँ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के Chairman डॉ. वीपी यादव भी उपस्थित रहे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस MOU से शिक्षा की Quality सुधरेगी व छात्रों को भी इसका लाभ होगा. इसे 1968 में स्विजरलैंड में स्थापित किया गया था , IB दुनिया के सबसे महंगे और प्रतिष्ठित शिक्षा संगठनों में शुमार है. Official Website के मुताबिक, 150 से भी अधिक देशों में आईबी शिक्षा परिषद कार्यरत है.
इंडिविजुअल रिसर्च और एप्लीकेशन पर आधारित है सिलेबस
स्वीकृति के मामले में, ज्यादातर Universities और स्कूल IS के शिक्षण को मानते हैं. HBSE के इस निर्णय से हरियाणा बोर्ड परीक्षार्थियों को विभिन्न लाभ होंगे. जैसे यह इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त है, आईबी करीबन सभी नेशनल और इंटरनेशनल तकनीकी शिक्षा परिषदों और अन्य संगठनों से Affiliated है. अंतरराष्ट्रीय स्कूलों और कॉलेजों तक स्विजरलैंड बोर्ड की अच्छी पहुंच है. इसके साथ ही बच्चों को Syllabus में भी लाभ होगा. इसका स्लेबस Individual रिसर्च और एप्लिकेशन पर Based होता है.
भारत में ट्रेनिंग और किताबें मिलना लगभग असंभव
IB उन छात्रों के लिए सबसे Best है जो Western Countries में जाकर बसना चाहते हैं. आईबी बोर्ड के बेनिफिट होने के साथ साथ कुछ नुकसान भी हैं. पहली हानि है कि IB स्कूलों में शिक्षा पर आने वाला खर्च अन्य बोर्डों की अपेक्षा ज्यादा है. इसके साथ ही आईबी देश में IB से संबद्ध विद्यालय ज्यादा नहीं है. एक और बड़ा नुकसान यह भी है कि इंडिया में Training और Books मिलना लगभग Impossible है. इस MOU पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ ही हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड देश के उन गिने- चुने बोर्डों में शामिल हों चुका है जिसने यह उपलब्धि प्राप्त की है. यह पूरे शिक्षा जगत के लिए गर्व भरा पल है.