Railway News: अंग्रेजों के जमाने की इस सबसे तेज ट्रेन को 111 साल हुए पूरे, आज भी इस रूट पर ले सकते हैं मजा
नई दिल्ली :- भारत में ट्रेन के सफर को काफी पसंद किया जाता है. हर दिन लाखों की संख्या में यात्री ट्रेन से आना-जाना करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है भारत में ट्रेन की शुरुआत कब और कैसे हुई थी. भारत में रेलवे का इतिहास काफी पुराना है. भारत में सबसे पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को चली थी. इस ट्रेन ने कुल 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी. आज हम आपको भारत की सबसे पुरानी एक्सप्रेस ट्रेन के बारे में जानकारी देंगे.
अंग्रेजों के जमाने की सबसे तेज ट्रेन
भारत की सबसे पुरानी Express Train का नाम पंजाब मेल है और यह 1912 से शुरू हुई थी. उस वक़्त यह मुंबई के बंदरगाह पर स्थित बलार्ड पायर मोल स्टेशन (Ballard Pier Mole) से अविभाजित भारत के पेशावर (Peshawar) के बीच दौड़ती थी. उस समय इस ट्रेन को पंजाब लिमिटेड (Punjab Limited) के नाम से जाना जाता था और यह एकमात्र ऐसी ट्रेन थी जो मुंबई के लोगों को पेशावर पहुंचाती थी. यह ट्रेन अंग्रेजों के जमाने की सबसे तेज ट्रेन थी जो आज भी पटरी पर लगातार दौड़ रही है.
1945 में ट्रेन में लगाया गया एयर कंडीशन शयनयान
इस लिहाज से देखें तो यह 111 साल की हो चुकी है. जब इसकी शुरुआत हुई मात्र अंग्रेज ही ट्रेन में यात्रा करते थे लेकिन बाद में 1930 से इसमें आम जनता के लिए भी Third Class डिब्बे जोड़े गए. ट्रेन के शुरुआती सफर के दौरान इसमें छह डिब्बे थे, जिनमें तीन यात्रियों के लिए और तीन डाक सामान व मेल के लिए होते थे. तीन यात्री डिब्बों में केवल 96 यात्री जा सकते थे. 1930 के मध्य में पंजाब मेल में तृतीय श्रेणी का डिब्बा लगाया गया. 1945 में पंजाब मेल में Air-condition शयनयान शामिल किया गया. 1968 में यह गाड़ी डीजल इंजन से झांसी तक आने लगी और बाद में नई दिल्ली तक जाने लगी.
कोरोना के वक्त हो गई थी बंद
वर्तमान में इसमें एसी फर्स्ट, एसी सेकेंड, एसी थर्ड के कुल आठ डिब्बे, 12 स्लीपर क्लास तथा चार जनरल क्लास के डिब्बे लगते है. अब यह ट्रेन मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से फिरोजपुर कैंट स्टेशन तक का सफर तय करती है. यह लगभग 1930 किलोमीटर का सफर तय करने में 34 घंटे का समय लेती है. यह प्रसिद्ध ट्रेन फ्रंटियर मेल से भी 16 साल पुरानी है. कोरोना के कारण 22 March 2020 को इसे बंद कर दिया गया था लेकिन 1 दिसंबर 2020 को यह फिर से पटरी पर लौटी.