Success Story: ग्रुप डी की नौकरी कर पिता नहीं भर पाए हॉस्टल फीस, अब बेटी सिविल सेवा पास कर बनी अफसर
नई दिल्ली, Success Story :- जैसा कि आप सभी जानते हैं अभी हाल ही में यूपीएससी के नतीजे घोषित हुए. यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा कहा जाता है. हर साल बहुत से उम्मीदवार सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाते हैं. आवश्यक नहीं है कि हर उम्मीदवार आर्थिक रूप से सक्षम हो, लेकिन हर साल इन्हीं में से कुछ ऐसे उम्मीदवार जीत हासिल करते हैं जो लगातार कड़ी मेहनत करते है.
शिक्षक ने मुफ्त में दिया ट्यूशन
आज हम आपके लिए एक ऐसे ही उम्मीदवार की कहानी लेकर आए हैं जिन्होंने यूपीएससी 2022 की परीक्षा में 736वीं रैंक हासिल की है. 25 साल की तस्कीन खान ने अपने 4th Attempt में परीक्षा पास की है. तस्कीन खान उत्तराखंड से संबंध रखती हैं. उन्हें मिस इंडिया बनना था लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. तस्कीन जब आठवीं कक्षा में पढ़ती थी तो उनके टीचर ने उन्हें Tuition लगवाने की सलाह दी थी लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम ना होने के कारण जब तस्कीन के पापा ने अध्यापक से फीस के बारे में पूछा तो टीचर ने उनके हालातों को समझते हुए तस्कीन को फ्री में पढ़ाई करवाई.
पढ़ाई के साथ अन्य क्षेत्रों में भी प्रतिभाशाली
बीतते वक्त के साथ तस्कीन पढ़ाई में अच्छी होती चली गई और 2013 में 10वीं कक्षा में 92% और 12वीं कक्षा 2015 में 93% अंक प्राप्त किये. पढ़ाई के साथ-साथ तस्कीन में और भी कई प्रतिभाएं थी. तस्कीन अपने कॉलेज में बास्केटबाल चैंपियन थी और उन्होंने National Level पर भी खेला था. कॉलेज में स्काउटिंग के प्रमुख और दो अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में तस्कीन ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. वह राष्ट्रीय वाद-विवाद में भी हिस्सा लेती थी और विभिन्न भाषण प्रतियोगिताओं में उन्होंने कई पुरस्कार जीते थे. तस्किन Acting और मॉडलिंग भी करती थी जिससे उनकी पढ़ाई का खर्चा निकल जाता था. 2016 और 2017 में उन्हें मिस देहरादून और मिस उत्तराखंड का खिताब भी मिला.
पिता थे Group D कर्मचारी
तस्कीन ने NIT क्वालीफाई किया मगर पिता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ग्रुप डी कर्मचारी थे. वहां के छात्रावास की फीस देना कठिन था. इसके बाद दयानंद बृजेंद्र स्वरूप कॉलेज, देहरादून से 2018 में 75% नंबरों के साथ B.Sc की. इसके बाद माता-पिता की सलाह पर, सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. 2020 में दिल्ली, जामिया कोचिंग में आई. यूपीएससी प्रीलिम्स के अलावा, उन्होंने हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड राज्य सेवा परीक्षाएं भी दी. तीनों में बेहतरीन Performance रही. मगर 2021 की यूपीएससी प्रीलिम्स में फेल हो गई, इसलिए जामिया छोड़ना पड़ा.
2022 UPSC CSE परीक्षा में हासिल की 736वीं रैंक
यूपी-पीसीएस Interview अच्छा होने की वजह से अप्रैल 2022 में अतिया फाउंडेशन सिविल सर्विसेज कोचिंग में दाखिला मिला. अतिया फाउंडेशन में प्रवेश परीक्षा के आधार पर 50 बच्चों को चुना जाता है जो फ्री में पढ़ते हैं. 2022 की प्रीलिम्स और मेन्स के दौरान पिता बहुत बीमार हो गए. चार महीने तक Hospital रहे, इसीलिए उन्हें हर दो दिन में दिल्ली से घर आना पड़ता था. तस्किन का कहना है कि यह सब उन्होंने अपने मां-बाप की मेहनत से पाया है इसीलिए वह उन्हें एक बेहतर जिंदगी देना चाहती हैं.