Indian History: मुगल हरम की औरतें इसलिए रहती थी उतावली, इस काम के लिए करती रहती थी बादशाह का इंतजार
नई दिल्ली :- Indian History में एक बड़ा हिस्सा मुगलों के इतिहास का है. यदि आपको भी मुगलों के इतिहास के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है, तो आपने हरम शब्द जरूर सुना होगा. बता दे कि हरम का अर्थ ऐसे स्थान से है जहां पर मुगलों की बीवियां व रखैलें रहा करती थी. इस्लाम धर्म में औरतों के शौहर के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति से बात करना या संबंध रखना सही नहीं माना जाता था.
इस मुगल बादशाह के शासनकाल में हुई थी हरम की स्थापना
इन्हीं सभी प्रतिबंधों की वजह से शायद मुस्लिम परिवार की औरतों के लिए अकेले में रहने के लिए बाउंड्री से घिरे हुए आवास होते थे. इन्हीं आवासों को हरम कहा जाता है. मुगल बादशाह बाबर और हुमायूं की 4 से अधिक बीवियां थी और कई रखैले भी थी. इतिहास में दी गई जानकारी के अनुसार एक संस्थान के रूप में हरम की स्थापना अकबर के शासनकाल में हुई थी. एक पुस्तक में तो इस बात की भी जानकारी दी गई है कि अकबर एक औरत से जीवन भर के लिए निकाह करता था. उसके हरम में आने वाली औरत हमेशा के लिए हरम में ही रह जाती थी.
इसीलिए महिलाए करती थी बादशाह का इंतजार
मुगलकालीन महिलाओं का सारा जीवन शहंशाह के इर्द गिर्द ही कटता था. हरम में रहने वाले सभी महिलाओं की स्थिति एक जैसी नहीं होती थी. उनकी स्थिति और पद शहंशाह के द्वारा ही निश्चित होता था. सभी महिलाओं में आपसी संबंध मित्र भाव के होते थे. ऐसा नहीं है कि उनकी एक- दूसरे के साथ कभी भी कोई लड़ाई नहीं होती थी. अच्छा करने की कोशिशों में सभी अपनी बुरी आदतों को बादशाह से छिपाने की कोशिश करती थी.
हरम में इन महिलाओं को मिलता था ज्यादा सम्मान
बादशाह की पत्नी यदि पुत्र को जन्म देती थी, तो उनका हरम में सम्मान भी बढ़ जाता था. हरम में किसी की मृत्यु होने से पहले ही बीमार होने वाली महिला को हरम से बाहर भेज दिया जाता था. यदि किसी महिला की कोख से बच्चा पैदा नहीं होता था, तो वह अन्य महिला का बच्चा ले सकती थी. महाम बेगम बाबर की मुख्य पत्नियों में से एक थी तथा हिमायू की मां थी. हिमायू के बाद जन्म लेने वाले उसके चारों बच्चों की मृत्यु हो गई थी, तो उन्होंने भी बाबर की दूसरी पत्नी दिलदार बेगम से हिन्दोल और गुलबदन को गोद ले लिया था. इसी प्रकार अकबर की पत्नी ने भी खुर्रम को गोद लिया.