Cowin Data Leak: कोरोना वैक्सीन लेने वालों के डेटा लीक की खबरों से मचा हड़कंप, बताया गया अब तक का सबसे बड़ा डाटा लीक
नई दिल्ली, Cowin Data Leak :- कोरोना महामारी के कारण लोगों के करीब 2 साल खराब हो गए थे. Covid-19 से बचने के लिए सरकार द्वारा कोविड-19 की Vaccine लगाई जा रही थी. कोविड-19 वैक्सीनेशन के दौरान दिए गए डाटा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है जिसने सभी नागरिकों को हैरान कर दिया है. Twitter पर कुछ Users के द्वारा दावा किया जा रहा है कि Cowin पोर्टल पर दी गई जानकारी लीक हो गई है. जबकि सरकारी सूत्र दावा कर रहे हैं कि Cowin पोर्टल डेट ऑफ बर्थ और Address कलेक्ट नहीं करता.
रजिस्ट्रेशन में एकत्र नहीं करते एड्रेस और DOB
टेलीग्राम के बोट द्वारा डिस्प्ले की गई जानकारी में आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, Name, एड्रेस, पासपोर्ट से संबंधित जानकारियां शामिल है. कुछ लोगों के द्वारा दावा किया जा रहा है कि ये सभी जानकारियां Cowin लगवाने वालों की है. इस पर सरकारी सूत्रों ने सफाई देते हुए कहा Covid -19 वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन में Cowin पोर्टल Address और DOB एकत्र नहीं करता.
Cowin पोर्टल केवल एक जानकारी करता है Store
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कुछ लोगो ने दावा किया है कि यह अब तक का सबसे बड़ा डाटा लीक है. सरकार का मानना है कि Cowin पोर्टल यूजर्स की केवल एक जानकारी स्टोर करता है कि उन्होंने फर्स्ट डोज़ और सेकंड डोज लिया है या नहीं. उन्होंने आगे बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लीक डाटा को लेकर एक डिटेल रिपोर्ट तैयार कर रहा है. TMC नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार में बड़ा Data लीक हुआ है.
SHOCKING:
There has been a MAJOR data breach of Modi Govt where personal details of ALL vaccinated Indians including their mobile nos., Aadhaar numbers, Passport numbers, Voter ID, Details of family members etc. have been leaked & are freely available.
Some examples 👇
(1/7)
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 12, 2023
Cowin सेंटर पर जाकर करवाते वैक्सीनेशन
TMC नेता ने ट्वीट में लिखा कि भारत में Cowin वैक्सीनेशन लेने वाले भारतीय नागरिकों का पता, नाम मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप आईडी, पासपोर्ट नंबर, आधार कार्ड नंबर आदि डिटेल्स लीक हो गई है. जानकारी के लिए बता दे कि Cowin वैक्सीनेशन लेने से पहले Users Cowin सेंटर पर जाकर वैक्सीनेशन करा सकते थे. वैक्सीनेशन के बाद प्रूफ के तौर पर सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता था, इसके लिए केवल मोबाइल नंबर की जरूरत होती थी.