Wheat Stock Limit: गेहूं को लेकर मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, 15 साल में पहली बार लिया ऐसा फैंसला
नई दिल्ली :- गेहूं को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार की तरफ से गेहूं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा फैसला किया गया है. सरकार की तरफ से 15 साल में पहली बार इस प्रकार का कोई निर्णय लिया गया है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि पिछले महीने गेहूं के Rates बढ़े हैं इसीलिए सरकार ने इससे संबंधित एक अहम फैसला लिया है.
गेहूं पर लगाई गई स्टॉक लिमिट
सरकार ने गेहूं के बढ़ते दामों पर नकेल कसने के लिए सोमवार को मार्च, 2024 तक तत्काल प्रभाव से Wheat Stock Limit लागू की है. सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और Businessmen को 15 लाख टन गेहूं बेचने का Decision लिया है. पिछले महीने से गेहूं महंगे हुए हैं. मंडी स्तर पर कीमतों की बात करें तो इनमें लगभग 8% तक की वृद्धि हुई है. हालांकि, थोक और खुदरा Rates ज्यादा नहीं बढ़े हैं मगर सरकार ने गेहूं स्टॉक पर लिमिट लगा दी है.
इस दिन तक जारी रहेगी स्टॉक सीमा
यह ‘स्टॉक लिमिट’, 31 मार्च 2024 तक व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी खुदरा श्रृंखला विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू की गई है.गेहूं के निर्यात पर खाद्य सचिव ने कहा कि प्रतिबंध जारी रहेगा. गेहूं के आयात पर Tax कम करने के बारे में खाद्य सचिव ने कहा कि उसमें भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि देश में गेहूं की आपूर्ति उपयुक्त मात्रा में है. उनका कहना है कि हम गेहूं के आयात के बारे में कोई भी विचार नहीं कर रहे क्योंकि देश में गेहूं की पर्याप्त मात्रा मौजूद है.
नहीं होगी गेहूं के आयात की जरूरत
गेहूं के लिए किसानों और व्यापारियों के पास भी उचित Stock है तथा कुछ असामाजिक तत्वों के पास भी गेहूं है तो ऐसे में हमें आयात की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि सरकार गेहूं के अतिरिक्त OMSS के तहत चावल को उतारने का विचार कर रही है और इसकी Quantity के बारे में Final रूप से बाद में निश्चित किया जाएगा.