Gangajal Facts: आखिर क्यों सालों बाद भी खराब नहीं होता बोतल में रखा गंगा जल, ऐसी गुत्थी जिसके आगे नतमस्तक है विज्ञान
नई दिल्ली, Gangajal Facts :- भारत में भगवान से संबंधित चीजों को भी भक्तिभाव से देखा जाता है. देवताओं के वाहन, उनको प्रिय वस्तु सभी उनके भक्तों के लिए पूजने योग्य होती है. ऐसे में शिवजी के सिर पर विराजमान गंगा नदी का भी विशेष महत्व है. गंगा नदी को माँ का दर्जा प्राप्त है. कहा जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से पाप धुलते है ऐसे में करोड़ो लोग गंगा मैया में डुबकी लगाने पहुंचते है. कुछ दिनों में सावन का पावन महीना शुरू होने वाला है ऐसे में में कांवड़ यात्री गंगाजल से आराध्य देव शिव को स्नान करवाते हैं.
किसी भी शुभ काम से पहले होता है गंगाजल का प्रयोग
गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री उत्तराखंड के चार धामों में से एक हैं. भक्त यात्रा के दौरान यहाँ रुकते हैं. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले Ganga Jal का इस्तेमाल किया जाता है. हर Hindu के घर में गंगा जल से भरी Bottle अवश्य मिलती है. आपको पता भी होगा गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता. अगर आप कुछ दिन घर के नल में आने वाले पानी को बोतल में भरकर रख दें तो कुछ दिन बाद पानी में दुर्गध आने लगती है. बर्तन पर काई जम जाती है और पानी सड़ जाता है.
भक्तों का उद्धार करती है गंगा मैया
पानी में गन्दगी की वजह से चिकनाई भी हो जाती है, मगर गंगाजल को आप महीनों क्या, सालों बाद भी खोलेंगे तो भी पानी एकदम साफ और पवित्र ही होगा जैसा भरकर रखा था. गंगा को लेकर वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के तथ्य है अध्यात्मिक पक्ष के अनुसार गंगा धरती की अन्य सभी नदियों से सर्वोत्तम स्थान पर है, इसीलिए तो भगवान शिव ने भी गंगा को अपने सिर पर धारण कर रखा है. गंगा धरती पर मनुष्यों का उद्धार करने ही आयी है. गंगा माँ हर पाप को नष्ट करके मोक्ष प्रदान करती है तभी इनका जल कभी भी खराब नहीं होता.
गंगा के पानी में सलफर और खनिज मौजूद
वही Science के अनुसार गंगा का उदगम Himalaya की कोख गंगोत्री से होता है. मां गंगा के पानी में भारी मात्रा में गंधक, Sulphur और खनिज पाई जाती हैं. पानी साफ रहने का कारण यही है. हिमालय पर्वत से होकर गुजरते हुए यह नदी आगे की तरफ जाती है. इसके अलावा हिमालय में कई प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियां भी पाई जाती हैं जिससे गंगा का जल मलिन नहीं होता.