ज्योतिष

Amarnath Yatra 2023: आज भी सोचने पर मजबूर करते हैं अमरनाथ की गुफा से जुड़े ये रहस्‍य, वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है जवाब

नई दिल्ली :- Amarnath गुफा जाकर बाबा बर्फानी के दर्शन करना हर शिव भक्त का सपना होता है. अमरनाथ यात्रा को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है. हर शिव भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए उत्सुक है. इस वर्ष की Amarnath Yatra 2023 आज यानि 1 July 2023 से शुरू हो रही है. सनातन धर्म में अमरनाथ गुफा का विशेष महत्व है. यहां हुए चमत्कार आज भी लोगों को हैरत में डाल देते हैं. Amarnath गुफा की यात्रा काफी कठिन और मुश्किलों भरी है लेकिन फिर भी शिव भक्त बाबा के दर्शन के लिए यहां आते हैं. आइये आज आपको इस तीर्थ यात्रा से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों से अवगत करवाते हैं.

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Amarnath Yatra

अमरनाथ बाबा के दर्शन करने पर मिलता है हज़ार गुना पुण्य 

Amarnath गुफा की विशेषता यह है कि यहां पर प्रति वर्ष लगभग 10 से 12 फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है. अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 141 किलोमीटर की दूरी पर 3888 मीटर यानी 12756 Foot की ऊंचाई पर स्थित है. वैसे तो Kashmir में कई तीर्थ हैं, मगर इनमें Amarnath Dham का अपना अलग महत्व है. कहते है कि जो व्यक्ति काशी में स्थित शिवलिंग के दर्शन और पूजा करता है उसे 10 गुना फल मिलता है, मगर Amarnath Baba के दर्शन करने से प्रयाग से 100 गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य प्राप्त होता है.

प्राकृतिक रूप से एक ही स्थान पर हर साल बनता है शिवलिंग 

बर्फ से बनने वाला यह शिवलिंग दुनिया का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो हर साल Natural तरीके से बनता है और एक ही स्थान पर बनता है. अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बने इस शिवलिंग को बाबा बर्फानी कहा जाता है. हमारे धर्म-शास्त्रों में कई बार ऐसी गुफा के बारे में बताया गया है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का ज्ञान दिया था. मान्यता है कि धर्म – शास्त्रों में जिस प्रकार की गुफा का वर्णन किया गया है वह अमरनाथ गुफा जैसी ही है. केवल यही नहीं बर्फानी बाबा की Height में चंद्रमा के आकार के जैसे परिवर्तन होते हैं. कभी इसका आकार बढ़ता है तो कभी इसका Size घटता है. मतलब कि जब पूर्णिमा होती है तो शिवलिंग अपने पूरे आकार में होता है, वहीं अमावस्या के दिन शिवलिंग का आकार थोड़ा छोटा हो जाता है.

भेड़ चराने गए गडरिये ने की थी अमरनाथ गुफा की खोज 

यदि Amarnath गुफा के इतिहास के बारे में बात करें तो माना जाता है कि Amarnath गुफा की खोज बुट्टा मलिक नाम के गडरिये द्वारा की गई थी. भेड़ चराने के लिए निकले बुट्टा मलिक जब काफी दूर चले गए तो रास्ते में उन्हें एक साधु बाबा मिले, जिसने उसे कोयले से भरा एक Bag दे दिया. घर जाकर बुट्टा मलिक ने जब उस थैले को देखा तो उसके होश उड़ गए क्योंकि कोयला सोने में परिवर्तित हो चुका था. बुट्टा मलिक जब उस साधु को ढूंढने गया तो उसे अमरनाथ गुफा दिखाई दी मगर वहां साधु बाबा नहीं थे. तभी से यह स्थान तीर्थ स्थान के रूप में विख्यात हुआ और आज बड़ी संख्या में भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन और अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए यहां पहुंचते हैं.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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