Positive Story: बच्चों को पालने के लिए किसी के सामने नहीं जोड़े हाथ, ई-रिक्शा चला समाज के लिए पेश की मिसाल
चरखी दादरी :- कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं है. इंसान छोटी- छोटी उड़ानो से ही बड़ी उड़ान भरना सीखता है. अगर मनुष्य के अंदर कुछ कर गुजरने का हौसला है तो उसके रास्ते में कितनी भी मुसीबतें और रूकावटे क्यों ना आए वह आगे बढ़ता ही जाता है. हरियाणा में एक बार फिर यह बात सही साबित हुई है. हरियाणा के चरखी दादरी जिले की रहने वाली एक महिला Anita जोकि ई-रिक्शा चालक है. अनीता चरखी दादरी जिले की पहली ई- रिक्शा चालक है.
महिलाओं के लिए पेश किया अच्छा खासा उदाहरण
चरखी दादरी जिले की रहने वाली अनीता ने महिलाओं के लिए एक अच्छा खासा उदाहरण पेश किया है. अनीता ई रिक्शा चलाकर अपनी Family का खर्च उठाती है. अनीता के पति पिछले कुछ समय से बीमार हैं, जिस वजह से वह कोई भी कार्य करने में असमर्थ हैं. बिना किसी रोजगार के घर खर्च चलाना काफी मुश्किल हो जाता था. उसे पति की दवाइयों के साथ ही उसे अपने नन्हें नन्हें बच्चों और सास का भी खर्च निकालना होता था. ऐसे में अनीता ने स्वयं कार्य करने की ठानी.
कोई भी Job ना मिलने से थी चिंतित
जब से अनीता के पति बीमार हुए हैं तब से घर की सारी जिम्मेदारी अनीता की कंधों पर आ गई. अनीता शुरुआत में Job ढूंढने की भी कोशिश की परंतु वह कुछ पढ़ी-लिखी नहीं थी, इसलिए उसे कोई Job नहीं मिली. ऐसे में अनीता की चिंता बढ़ती जा रही थी. तब उसने E- Riksha चलाने का निर्णय लिया. अनीता ने ऋण लेकर ई रिक्शा खरीदा और सवारियों को ढोने के लिए सड़कों पर उतर गई. 2 June से अनीता ने ई-रिक्शा चलाना शुरु किया था. तब से लेकर आज तक उसे कभी भी पैसों की कमी नहीं हुई.
महिलाओ को लेनी चाहिए प्रेरणा
अनीता ने बताया कि मेरा पति पिछले कुछ समय से बीमार है, वह कोई भी काम करने के योग्य नहीं है. आर्थिक तंगी के कारण मेरा घर परिवार बिखरने लगा था. ऐसे में मैंनें घर की जिम्मेदारियां को उठाते हुए Loan लेकर ई-रिक्शा खरीदी और आज मै बहुत खुश हूँ. उसे उम्मीद है कि वह अपने पति के इलाज के लिए खर्च निकल पाएगी और बच्चों को अच्छी परवरिश दे पाएगी. अनीता के साहस और हौसलों की चर्चा आज पूरे चरखी दादरी जिले में है. वही नगर परिषद चेयरमैन बक्सी सैनी कहती है कि समाज की महिलाओं को अनीता से प्रेरणा लेनी चाहिए.