हरियाणा के इस जिले से गुजरेगा बुर्ज खलीफा से 6 गुना ज्यादा सीमेंट का इस्तेमाल होने वाला Expressway, खर्चा व बाकि मैटेरियल जान घूम जायेगा दिमाग
नई दिल्ली :- केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से सोशल मीडिया पर एक वीडियो Share किया गया है. यह Video द्वारका एक्सप्रेसवे का वीडियो है. इस एक्सप्रेस वे को नॉर्दन पेरिफेरल रोड या एनएच 248 – बीबी के नाम से भी जाना जाता है. इस Expressway की लम्बाई 27.6 किलोमीटर है और अभी यह निर्माणाधीन है. यह दिल्ली के द्वारका को गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा से Connect करेगा.
गडकरी ने एक्सप्रेसवे को कहा इंजीनियरिंग का चमत्कार
गडकरी ने इस एक्सप्रेसवे को ‘इंजीनियरिंग का चमत्कार’ कहते हुए बताया है कि तीन से चार महीनों में यह आमजन के लिए खोल दिया जाएगा. परिवहन मंत्री का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर यात्रा का अनुभव ऐसा है कि लोगों को यह अनुभव 100 साल तक याद रहेगा. एक्सप्रेसवे बनने के बाद द्वारका से मानेसर के बीच यात्रा का Time 15 मिनट तक घट जाएगा. मानेसर और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई एयरपोर्ट) के बीच की Distance अब 20 मिनट में Cover हो जाएगी. वहीं मानेसर और सिंधू बॉर्डर के बीच का सफर भी सिर्फ 45 मिनट हो जाएगा.
निर्माण में लगा एफिल टावर से भी ज्यादा स्टील
द्वारका एक्सप्रेसवे के बनाने में दो लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है जो पेरिस में एफिल टॉवर को बनाने में लगे स्टील से 30 गुना ज्यादा है. स्टील के अतिरिक्त , इस परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का उपयोग किया गया है, जो दुबई के बुर्ज खलीफा के निर्माण से छह गुना ज्यादा है. एक्सप्रेसवे की शुरुआत दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति पर NH 48 (पुराना NH 8) के 20 किलोमीटर के निशान से होती है और गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास 40 किलोमीटर के निशान पर ख़त्म होती है.
शुरू होने के बाद होगा भारत का पहला 8 लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर Transport को कम करने के लिए इसे राष्ट्रीय राजधानी और गुरुग्राम के बीच एक Optional लिंक रोड के तौर पर योजनाबद्ध किया गया है. एक बार ज़ब यह एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा यह भारत का पहला आठ Lane एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होगा. फोर-पैक मोटरवे कुल 563 किलोमीटर लम्बा है. द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने के दौरान, न्यूनतम 1,200 पेड़ों को फिर से प्रत्यारोपित किया गया, जो भारत के लिए प्रथम बार था. इसके अतिरिक्त देश की पहली 8-लेन 3.6 किमी लंबी शहरी सुरंग भी द्वारका एक्सप्रेसवे का भाग है.