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Karnal News: हरियाणा के लाल ने सरकारी नौकरी को दिखाया ठेंगा, खेती में मेहनत कर कमा रहा लाखों रुपए महीना

करनाल :- बेरोजगारी के इस दौर में युवाओं में नौकरी पाने की होड़ लगी हुई है. सरकारी नौकरी पाना तो आज के युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. कई कोशिशो के बावजूद भी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती. वही आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिसने खेती के लिए सरकारी नौकरी तक छोड़ दी.

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एक नेट हाउस लगाकर शुरू की खीरे की खेती  

करनाल जिले के छपरियों गांव के रहने वाले युवा किसान मुकेश कुमार सरकारी नौकरी छोड़ अपनी पुश्तैनी जमीन पर 4 नेट House लगाकर खीरे की खेती कर रहा है. मुकेश कुमार हरियाणा Board में काम करता था. जब उसने गर्मी के मौसम में देखा कि खीरे की बहुत ज्यादा मांग है तो उसने भी खीरे की खेती करने की सोची. सबसे पहले उसने एक नेट लगाकर खेती करनी शुरू की थी, लेकिन आज उसके पास 4 नेट हाउस है.

2 लाख रूपये तक की होती है बचत  

मुकेश कुमार ने बताया कि खीरे की खेती से काफी मुनाफा होता है और आज वह संरक्षित खेती कर लोगों को भी कार्य दे रहा है. संरक्षित खेती में पानी की सबसे ज्यादा बचत होती है. उसने बताया कि उसके खीरे Delhi चंडीगढ़ जैसे कई बड़े-बड़े शहरों में जाते हैं. वहीं सरकार की तरफ से भी उसे 60% Subsidy मिलती थी जोकि अब 50% कर दी गई है. मुकेश ने बताया कि उसने नेट House पर ढाई से 3 लाख रुपए खर्च किया था उसके बाद अब उसे 2 लाख रूपये तक की बचत हो जाती है.

खीरे लगाने की विधि 

मुकेश ने खीरे लगाने की विधि बताते हुए कहां कि 2 उठी हुई बेड के बीच दूरी चार फीट हो तथा इसके एक ही कतार पर 30 से 40 सेमी की दूरी पर बीज बोए जाते हैं. खीरे की बेलो को लपेटकर एक रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ाया जाता है. पौधों की उर्वरकता और जल की मात्रा मौसम एवं जलवायु पर निर्भर करती है. इस तरह 40 दिन बाद खीरे की फसल तुडवाई के लिए तैयार हो जाती है. उसने बताया कि आज वह खीरे की खेती से 2 से 3 लाख रुपए की बचत कर लेता है.

Mukesh Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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