Edible Oil Price: सरसों सहित इन खाद्य तेलों की कीमत में अचानक आई बड़ी गिरावट, जानें मंडी में आज के ताजा रेट
नई दिल्ली :- देश में सस्ते आयातित तेलों की बढ़ती भरमार तथा मांग कम होने से सरसों, सोयाबीन Oil – तिलहन तथा बिनौला तेल जैसे देसी तेल – तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. वहीं दूसरे हाथ विदेशी बाजारों में मजबूती के कारण कच्चे पाम तेल तथा पामोलिन तेल के दामों में मामूली तेजी रही है. इसके साथ ही आपको बता दें कि मूंगफली तेल – तिलहन के भाव पूर्व स्तर पर बने हुए हैं.
विदेशी बाजार
बाजार सूत्रों ने कहा है कि मिलिशिया Exchange में 9% की मजबूती है तथा शिकागो Exchange फिलहाल 0.3 प्रतिशत तेज रहा है. परंतु इसका कारोबार पर कोई विशेष असर नहीं है, क्योंकि लिवाल कम है. सूत्रों का कहना है कि देश में सस्ते आर्थिक तेलों का आयात इतना अधिक हुआ है कि देसी तेल तिलहनों के बिकने की स्थिति समाप्त हो गई है. अतः सरकार को आगे और इंतजार किए बिना तत्काल आयतित तेलों पर आयात शुल्क अधिकतम करने के बारे में सोचना चाहिए.
उत्पादन बढ़ाने की प्रेरणा तथा मिलेगा मनोबल
आपको बता दे कि सरकार ने सोयाबीन तेल के शुल्क मुक्त आयात की 1 अप्रैल 2023 तक जो छूट दे रखी है, उसे खत्म कर देना चाहिए तथा इस तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने के अलावा सूरजमुखी तेल पर भी आयात शुल्क अधिकतम सीमा तक बढ़ा देना चाहिए. इससे देसी तेल तिलहन बाज़ार में खपेगा तथा किसानों को आगे तिलहन उत्पादन करने की प्रेरणा तथा मनोबल भी मिलेगा.
सूरजमुखी नहीं बोयेगे किसान?
सूत्रों का कहना है कि सूरजमुखी का तेल आमतौर पर सोयाबीन से महंगा रहता आया है, परंतु अभी इसका आयात का भाव सोयाबीन तेल से लगभग 100 $ नीचे चल रहा है. बंदरगाह पर इसका थोक भाव 89 रूपये प्रति लीटर है. जबकि देश के सूरजमुखी उत्पादक किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से भाव लगभग 135 रूपये प्रति लीटर बैठता है. यदि आयतित सूरजमुखी तेल 89 रूपये लीटर बना रहा तो देश के किसान आगे सूरजमुखी क्यों बोयेगे ?
किसानों का भरोसा करना होगा मजबूत
सूत्रों का कहना है कि देश खाद्यान्न दाल आदि में लगभग आत्मनिर्भरता हासिल कर चुका है. परंतु तिलहन में ऐसा क्यों नहीं हुआ? इस मामले पर सोचने की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को बगैर इंतजार किए आयात कर बढ़ाने के बारे में सोचना होगा, तभी देशी तेल खेपेगा तथा किसानों का भरोसा भी मजबूत हो सकेगा. देश के तिलहन खपने से हमें मुर्गी दाने के लिए डीओएड Cake तथा मवेशी चारे के लिए खल प्राप्त होंगी, जो दूध, दुग्ध उत्पाद, अंडे, चिकन आदि की कीमत को कम कर सकते हैं.
बृहस्पतिवार को तेल – तिलहनों के भाव
- सरसों तिलहन :- 5,655 – 5,705 रूपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली :- 6,775 – 6,835 रूपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली तेल मिल डिलीवरी गुजरात :- 16,550 रूपये प्रति क्विंटल
- मुगली रिफाइंड तेल :- 2540 – 2805 रूपये प्रति टिन
- सरसों तेल दादरी :- 11750 रूपये प्रति क्विंटल
- सरसों पक्की घनी 1,900 – 1,930 रूपये प्रति टिन
- सरसों कच्ची घानी :- 1,860 – 1,985 रूपये प्रति टिन
- तिल तेल मिल डिलीवरी :- 18900 – 21000 रूपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी दिल्ली :- 11,900 रुपए प्रति क्विंटल
- सोयाबीन मील डिलीवरी इंदौर :- 11,650 रुपए प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल निगम कांडला :-10,380 रूपये प्रति क्विंटल
- सीपीओ एक्स कांडला :- 8,900 रूपये प्रति क्विंटल
- बिनोला मील डिलीवरी हरियाणा :- 10,430 रूपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन अरंडी दिल्ली :- 10,450 रूपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन एक्स कांडला :- 9,500 रूपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन दाना :- 5,430 – 5,560 रूपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन लूज़ :- 5170 – 5190 रूपये प्रति क्विंटल
- मक्का खल सीरिस्का :- 4,010 रूपये प्रति क्विंटल