चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार के द्वारा फसलो की सुरक्षा के लिए कई प्रकार की Schemes चलाई जा रही है जिसमें न केवल किसानों को आपदा से सुरक्षा गारंटी मिलती है बल्कि उन्हें खेती से काफी फायदा भी होता है. हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा से नष्ट होने वाली फसलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (HFSY) चलाई हुई है.
कपास के किसानों के लिए फायदेमंद
HFSY के तहत सरकार किसानों को खरीफ की फसल बर्बाद होने की स्थिति में मुआवजा देती है. यह योजना खासकर कपास के किसानों के लिए होती है. इस योजना के अंतर्गत किसान प्रीमियम राशि भरकर खराब हुई फसल के बदले मुआवजे के तौर पर आर्थिक सहायता ले सकता है. फिलहाल इस Scheme के तहत फसलों का पंजीकरण किया जा रहा है. HFSY लागू करने का मुख्य उद्देश्य कपास की खेती करने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदा के समय खराब हुई फसल की भरपाई करना है.
पोर्टल पर पंजीकृत करें नष्ट फसल को
करनाल कृषि उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” Portal पर जाकर अपनी फसल को पंजीकृत करवा सकते हैं. इस योजना के लिए आवेदन की तिथि 30 सितंबर तक निर्धारित की गई है. HFSY का संचालन क्लस्टर एक के अंतर्गत Jind, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, अंबाला, सोनीपत और Hisar जिले में किया जाएगा. कृषि अधिकारी ने बताया कि अगर बारिश, सुखा, ओलावृष्टि किट या बीमारी से फसल खराब होती है तो ही यह मुआवजा दिया जाएगा.
₹1500 देनी होगी पंजीकरण फीस
हरियाणा के फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, महेंद्रगढ़, पलवल, झज्जर, रेवाड़ी और रोहतक में सबसे ज्यादा Cotton Farming की जाती है. वर्ष 2022 में 6 लाख 28 हजार हेक्टेयर भूमि पर कपास की खेती की गई थी, इस वर्ष कृषि विभाग ने 7 लाख हैक्टेयर भूमि पर कपास की बिजाई करने का लक्ष्य किया है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी आपदा के 72 घंटे के अंदर अंदर पोर्टल पर आवेदन करना होगा. इसके अलावा किसानों को प्रति एकड़ ₹1500 पंजीकरण फीस देनी होगी. फसल खराब होने पर अधिकतम आर्थिक सहायता ₹30000 प्रति एकड़ मुआवजे के रूप में दिया जाएगा.