Karnal News: करनाल के लाल ने कर दिया कमाल, अपने हौसले से पहाड़ों को बौना कर पर्वतारोही सुनील ने बनाया नया रिकॉर्ड
करनाल :- अगर इंसान में कुछ करने का जज्बा हो तो वह हालात और परिस्थिति नहीं देखता, बल्कि उसकी नजरे अपने लक्ष्य की तरफ होती है. मेहनत करने से इंसान 1, 2 या 3 प्रयासों में आवश्यक असफल हो जाता होगा लेकिन आखिरकार वह अपने लक्ष्य को पा ही लेता है. हरियाणा के करनाल जिले के एक युवक का Passion था कि वह पर्वत पर चढ़े. इसलिए नहीं कि उसे धन दौलत की जरूरत है बल्कि पर्वत पर चढ़ना उसका सपना है. इस सपने को पूरा करने के लिए उसने काफी मेहनत की है.
2015 से किया था सफर शुरू
Sunil करनाल जिले के रसूलपुर गांव का रहने वाले है, और सरकारी बैंक में Clerk की Job करता है. छोटे से गांव में रहने वाले सुनील का सपना बहुत बड़ा था और कुछ कोशिशो के बाद उसने अपना यह सपना पूरा कर दिखाया. हालांकि इस सपने को पूरा करने के लिए उसकी Life में कई उतार चढ़ाव भी आए, लेकिन वह इन उतार-चढ़ाव से घबराकर चुप नहीं बैठा. वर्ष 2015 में उन्होंने पहाड़ों को फतह करने का सफर शुरू किया था.
1 साल में फतह किया तीन पर्वतों को
वर्ष 2023 में सुनील ने 8000 मीटर की ऊंचाई से अधिक पर्वतों पर चढ़कर 3 बार तिरंगा फहराया है. हाल ही में सुनील विश्व के 8वें नंबर के सबसे ऊंचे पर्वत नेपाल के मानस्लू पर्वत को फतेह करके आए है. इस पर्वत की ऊंचाई 8,163 मीटर है. वहां सबसे ऊँचे पॉइंट पर ऑक्सीजन की भी कमी होती है. इसके अलावा उन्होंने May महीने में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, को भी फतेह करने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है.
जान जाने तक का होता है खतरा
माउंट एवरेस्ट पर सबसे ऊंची चोटी लोतसेह पर जाने में 23 घंटे का समय लगा था. इस Point पर जाने में बड़े- बड़े पर्वतारोही भी कतराते हैं. यहां तक जाने में ऑक्सीजन पूरी खत्म हो जाती है और जिस वजह से इसे Death Point भी कहा जाता है. पर्वतों पर चढ़ने के लिए न केवल शारीरिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक तौर से भी भारी खर्चा करना पड़ता है. पर्वत पर जाने वाले पर्वतारोहियों को काफी संघर्ष करना पड़ता है इसमें उनकी जान तक का जोखिम होता है.