1942 से लोगो के दिल में है इस चाय की दुकान का स्वाद, आजादी से पहले अंग्रेज भी चखते थे जायका
गोरखपुर :- चाय को तो आज हर कोई जानता है. देश में लगभग सभी घरों में लोगों की सुबह की शुरुआत चाय के साथ ही होती है. वहीं कुछ घरों में तो दिन में 2 या 3 समय तो चाय अवश्य ही बनती है. इतना ही नहीं जब घरों में कोई मेहमान आता है तो उसके आने पर चाय अवश्य बनाई जाती है. उत्तर प्रदेश (UP) के जिला गोरखपुर में ऐसी चाय बनाई जाती है जिसे लोग स्वाद के रूप में चुस्की भर भरके पीते हैं.
गोरखपुर में बहुत सारी चीजे मशहूर
गोरखपुर में कई ऐसी जगह है जहां खाने पीने की बहुत सारी चीजें Famous है. इतना ही नहीं शहर में 30 से 40 वर्ष पुरानी समोसे और इमरती की दुकान आज भी मौजूद है. वहीं अगर गोरखपुर धर्मशाला के नजदीक पोले Tea Stall की बात करें तो यहां की चाय पीते ही मनुष्य की सारी थकान दूर हो जाती है और सारी सुस्ती दूर कर देती है. यह टी स्टॉल आजादी से पहले शुरू हुई थी जो आज भी मौजूद है.
आजादी से पहले की चाय की दुकान अब तक मौजूद
दुकान मालिक सुरेश ने बताया कि वर्ष 1942 में उसके पिता ने इस दुकान को शुरू किया था. उसके पिताजी और दुकान दोनों गुरु जी के नाम से Famous है. उनके पिताजी के बाद अब स्वयं सुरेश इस दुकान को संभाल रहे हैं. उन्होंने बताया कि पोले टी स्टॉल आजादी से पहले भी लोगों के स्वाद का ध्यान रखते थे और आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इस चाय का स्वाद आज भी बरकरार है. उसने बताया कि एक Cup चाय की कीमत 10 रूपये है और वे प्रतिदिन चाय से 400 रूपये कमा लेते हैं.
अपने पिताजी के व्यापार को बढ़ा रहे आगे
सुरेश ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिताजी द्वारा चलाए गए इस व्यापार को अब वह स्वयं आगे बढ़ा रहा हैं. वर्ष 1942 से लेकर अब तक वह केवल चाय ही बनाकर ही बेच रहा है. उन्होंने बताया कि अंग्रेज व्यक्ति भी 1942 से पहले उनके हाथ की चाय पीते थे, इतना ही नहीं आज भी लोगों को उनकी चाय का स्वाद वही मिलता है, वो पहले होता था.