Chini Ke Rate: आम जन के लिए फीकी पड़ी चीनी की मिठास, 13 साल में सबसे ज्यादा हुआ भाव
नई दिल्ली, Chini Ke Rate :- महंगाई दिन प्रतिदिन और भी बढ़ती जा रही है. देखा जा रहा है कि खाने – पीने की वस्तुएं भी बहुत महंगी हो रही है. Food and Agriculture Organization की एक Report के मुताबिक चीनी की वैश्विक कीमत सितंबर महीने में ऐसे स्तर पर पहुंच गई है जो पिछले 13 सालों में सबसे अधिक है. Festival सीजन भी आने वाला है. ऐसे में बढ़ती महंगाई सभी की परेशानी का कारण बनी हुई है.
चीनी की कीमत छू रही आसमान
Global Market में चीनी की कीमतें कई सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इससे घरेलू बाजार में दबाव पड़ रहा है. Food and Agriculture Organization के अनुसार वैश्विक स्तर पर चीनी की कीमत बढ़ाने में भारत का भी योगदान है. बताया जा रहा है कि अल नीनो के चलते भारत तथा थाईलैंड में गन्ने की फसल बहुत अधिक प्रभावित हुई है. जिसका असर चीनी की कीमतों पर साफ दिखाई दे रहा है.
चीनी की मिठास पर महंगाई की मार
FAO के अनुसार शुगर प्राइस इंडेक्स लगातार दूसरे महीने भी आसमान में है. इससे पहले अगस्त महीने में भी चीनी की कीमतों में उछाल देखने को मिला था. गन्ने की फसल पर मौसम की मार पड़ने के कारण ही चीनी के उत्पादन पर प्रभाव पड़ा है जिसके कारण चीनी की कीमतें महंगी हो गई है. फिलहाल इस समस्या से राहत पाने का कोई भी आसार दिखाई नहीं दे रहा है.
कच्चे तेल का असर
भारत तथा थाईलैंड दोनों ही प्रमुख चीनी उत्पादक देश है. इस साल दोनों देशों में गन्ने की फसल अल नीनो से प्रभावित है. अल नीनो एक मौसमी Development है, जो 7 से 9 साल में एक बार होता है तथा इसका प्रभाव 9 से 12 महीने तक देखने को मिलता है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के मुताबिक अल नीनो के अलावा कच्चे तेल की बढ़ी कीमते भी चीनी के भाव बढ़ने का एक प्रमुख कारण है.