भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया खास गेहूं का बीज, कम पानी और कम श्रम में होगा कई गुना ज्यादा उत्पादन
चंडीगढ़ :- रबी की फसलों की आगामी बुवाई शुरू हो चुकी है ऐसे में किसान अच्छी फसल लेने के लिए अच्छी किस्म के बीज की तलाश में है. अच्छी फसल उत्पादन के लिए बीज अच्छी Quality का होना बेहद जरूरी होता है. 25 अक्टूबर से 10 November तक किसान गेहूं की फसल की आगामी बुवाई कर सकते है. अच्छी गुणवत्ता वाले बीजो की तलाश कर रहे किसानों के लिए करनाल के वैज्ञानिकों ने बेहतरीन गेहूं की फसल उत्पादन के लिए उन्नत किस्म का बीज तैयार किया है.
हल्की मिट्टी में होता है अच्छा उत्पादन
गेहूं की फसल हल्की मिट्टी में अच्छा उत्पादन देती है. भारत में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश जम्मू कश्मीर जैसे कुछ हिस्सों में ज्यादातर गेहूं की खेती की जाती है. किसानों को अच्छी फसल उत्पादन देने के लिए करनाल संस्थान ने डबल्यू-327 गेहूं के बीज की उन्नत किस्म तैयार की है. गेहूं कि इस किस्म को करण शिवानी नाम से भी जाना जाता है. किसानो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान करनाल नें गेहूं की यह किस्म तैयार की है.
155 से 160 दिन में हो जाती है पककर तैयार
डब्ल्यू 327 किस्म को पक्कर तैयार होने में 155 से 160 दिन लगते हैं. इस बीज की अगेती बिजाई की जाती है. गेंहू की यह किस्म किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है, बशर्ते इसकी बिजाई नियमानुसार की जानी चाहिए. गेहूं की यह किस्म 30 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से औसत पैदावार देती है. इस तरह आप 32 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार ले सकते हैं.
काफी मोटी होती है इस किस्म की गेहूँ
डब्ल्यू 327 किस्म को कम पानी की आवश्यकता होती है और इन फसलों में मेहनत भी कम करनी पड़ती है. इस तरह कुल मिलाकर देखा जाए तो यह आपको कम मेहनत पर अच्छा मुनाफा देती है. यह किस्म पीला रतुवा, भूरा रतुवा, और सफेद रतुवा रोगों के प्रति सहनशील है. इस किस्म की गेहूं काफी मोटी होती है इसके 1000 दानों का वजन करीब 48 ग्राम होता है. इसके अलावा इस किस्म के गेहूं में जिंक की मात्रा 40.6 PPM तक होती है.