Jind News: जींद डिपो में चालक और परिचालकों की कमी से 20 बसें हुई बंद, यात्रियों के लिए बना परेशानी का सबब
जींद :- जींद रोडवेज डिपो में नई बसों के आने से बेड़ा मजबूत हो रहा है, लेकिन चालक और परिचालकों की कमी है। कर्मचारियों की कमी के कारण स्थानीय मार्गों पर दौड़ने वाली लगभग दो दर्जन बसें बंद हो गई हैं। वर्तमान में बेड़े में 197 बस हैं, जिसमें से 185 रूट पर चल रही हैं, लेकिन अन्य कर्मचारियों की कमी के कारण वे चल नहीं पा रहे हैं। रोडवेज ने तीन महीने पहले HKRN के तहत 30 परिचालकों की डिमांड को पोर्टल के माध्यम से भेजा था, लेकिन निदेशालय ने अभी तक 30 परिचालकों को डिपो में नहीं भेजा है। साल के अंतिम महीने में चालक और परिचालक भी छुट्टी ले रहे हैं। दिसंबर के अंत में हर साल मिलने वाली केजूएल लीव लेप्स हो जाती है।
स्थानीय रूटों पर नहीं मिल रहे चालक और परिचालक
डिपो प्रबंधन को नव वर्ष की जनवरी में कुछ राहत मिलेगी। क्योंकि अवकाश लेने वाले चालक-परिचालक ड्यूटी पर वापस आ जाएंगे लंबे रूटों पर चलने वाली बसों को डिपो प्रबंधन ठीक से चलाता है, लेकिन स्थानीय रूटों पर चालक और परिचालक नहीं मिल रहे हैं। रोडवेज व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए, डिपो में नई बसें भेजने के साथ-साथ चालक और परिचालकों की स्थायी भर्ती भी होनी चाहिए।
नई बसें आने से हुई कमी
वर्तमान में डिपो में 267 चालक और 243 चालक हैं, लेकिन परिवहन विभाग को 1.7 नॉर्म्स के हिसाब से ओवरटाइम शून्य करने के लिए 335 चालक और परिचालकों की जरूरत है। वर्तमान में हरियाणा कौशल निगम के तहत रोडवेज डिपो में 21 परिचालक सेवाएं उपलब्ध हैं। 50 से अधिक कर्मचारियों को 60 घंटे तक अतिरिक्त समय दिया जा रहा है, लेकिन सभी बसों के संचालन में यह अतिरिक्त समय कम पड़ रहा है। बसों का संचालन सुचारू रूप से चलाया जा सकता है अगर अन्य कर्मचारियों को भी ओवरटाइम मिलना शुरू हो जाए, तो चालक और परिचालकों की भर्ती होने तक। जींद डिपो के डीआई राजबीर ने कहा कि रोडवेज डिपो में नई बसें आ रही हैं। इससे चालकों और परिचालकों की कमी हुई है। कर्मचारियों की कमी से स्थानीय रूटों पर चलने वाली दो दर्जन बसें कार्यालय में खड़ी हैं। इससे रूटों पर बसों को भेजने में मुश्किल हो रही है।