Ambala News: हरियाणा के अम्बाला में है 500 साल पुरानी 9 गज की मजार, आज भी हादसे से बचने को चढ़ती हैं घड़ियां
अंबाला, Ambala News :- जैसा की आपको पता है कि भारत पीर फकीरों की धरती रही है. हमारा देश धर्मनिरपेक्ष राज्य है, इसी वजह से यहां पर कई धर्म के लोग निवास करते हैं. आज की इस खबर में हम आपको हरियाणा के शाहाबाद की एक ऐसी ही मजार के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जहां पर हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यह मजार आज की नहीं है, बल्कि काफी पुरानी है. यहां पर घड़ियां चढ़ाई जाती है.
हरियाणा के अंबाला में है नौगजा पीर की मजार
हरियाणा के अंबाला के शाहाबाद में नौगजा बाबा की मजार है. यहां पर 500 साल पहले बाबा रहने आए थे, बताया जा रहा है कि नौगजा पीर बाबा इराक से आए थे और फिर शाहाबाद के मारकंडा के कल्याण गांव में रहने लगे. उसके बाद यहीं पर उनकी मजार बना दी गई. इसकी लंबाई 8 गज यानी की 8 मीटर 36 इंच या 27 फीट के करीब है. इसे 9 गज की मजार के नाम से भी जाना जाता है. मौजूदा समय 10 में हरियाणा के अंबाला के शंभू किसने की तरफ से आंदोलन किया जा रहा है.
कौन करता है मजार की देख- रेख
यह स्थान हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है, यहां पर एक ही जगह पर मुस्लिम पीर की मजार है और दूसरी तरफ हिंदुओं के आराध्य भगवान शिव जी का मंदिर भी है. सप्ताह मे हर एक गुरुवार और रविवार के दिन इस मजार पर मेला भी लगता है और यहां पर बड़ी संख्या में मेले में पहुंचते हैं. नौदारा पुल के नीचे बनी इस मजार को हरियाणा सरकार की तरफ से भी दर्शनीय स्थल घोषित किया गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार नौदारा नाम नौ देवता के नाम पर पड़ा है और इसके बिल्कुल ठीक सामने भगवान शिव जी का मंदिर भी है. नौगजा पीर की देखरेख का जिम्मा रेड क्रॉस के पास है, यहां जितनी भी घड़ियां चढ़ाई जाती है उन्हें बाद में रेड क्रॉस बेच देता है.