Chanakya Niti: गलती से भी पत्नी को ना बताएं ये बातें, वरना बिगड़ सकते हैं बनते काम
Chanakya Niti :- आचार्य चाणक्य इतिहास के महान विद्वान थे. उनकी नीतियों को लोगो द्वारा आज भी अपनाया जाता है. राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता होने के साथ – साथ चाणक्य ने एक सुखद दांपत्य जीवन व्यतीत करने के लिए भी अपनी नीतियों में कुछ ऐसी बातें बताई है, जिनका पालन करना सभी के लिए फायदेमंद हो सकता है. चाणक्य का कहना है कि अपनी पत्नी से कुछ बातों का छिपाना ही सही रहता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं वह कौन सी बातें हैं जिन्हें पत्नी से छुपाए रखना चाहिए.
जीवन में साथ देने वाले लोग
सभी के जीवन में सुख – दुख का उतार – चढ़ाव देखने को मिलता है. भले ही किसी के सुख में शामिल न हो परंतु दुख के समय ऐसा साथी बनना चाहिए, जिससे आप अपना गम बांट सके तथा विपरीत परिस्थिति में उनका साथ दे सके. चाणक्य ने अपनी नीति में कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया है, जिनका साथ मिलने से सभी मुश्किलें आसान हो जाती है. ऐसे व्यक्तियों के साथ से आपको जिंदगी में सफलता मिलती है. चलिए आपको बताते हैं वह कौन से लोग होते हैं.
संस्कारी पत्नी
आचार्य चाणक्य के मुताबिक यदि आपको अच्छी तथा संस्कारी पत्नी मिल जाए तो आपके जीवन की हर मुसीबत आसान हो जाती है. पत्नी अपने पति पर आई हर विपदा को अपने ऊपर ले लेती है. वह हर स्थिति में अपने पति का साथ निभाती है. संस्कारी पत्नी एक बिखरे हुए परिवार को सुखद परिवार में बदल देती है. वह मुसीबतों से लड़ने के लिए भी अपने पति को हिम्मत देती है.
संस्कारी संतान
प्रत्येक मां – बाप का सपना होता है कि मेरा पुत्र तथा पुत्री संस्कारी हो तथा जीवन में उनका नाम रोशन करें. यदि माता-पिता को बच्चों का साथ मिल जाए तो उनका बुढ़ापा आसान हो जाता है. अच्छे पुत्र और पुत्री के सहारे जीवन की किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है. व्यक्ति की सच्ची पूंजी उसकी संतान ही होती है.
सच्चा मित्र
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि जीवन में अच्छा और सच्चा मित्र होता है तो आपकी सभी मुसीबतें आसान हो जाती है. सच्चा मित्र आपको हमेशा सही राह दिखाता है और गलत रास्ते पर जाने से रोकता भी है. साथ ही सच्चा मित्र हमेशा सहायता के लिए आपके साथ खड़ा रहता है. परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो वह कभी आपका साथ नहीं छोड़ता है .
पत्नी को ना बताये ये बात
हिंदू मान्यताओं के अनुसार गुप्त दान देना बहुत शुभ माना जाता है. यदि आप दान देते हैं तो आपको इसके बारे में किसी से भी नहीं बताना चाहिए. गुप्त दान के बारे में आपको स्वयं अपनी संतान तथा पत्नी से भी नहीं बताना चाहिए, क्योंकि इससे उसका महत्व कम हो जाता है.