Faridabad News: शादी के 11 साल दोबारा पढ़ाई शुरू कर फरीदाबाद की गीता सिंह ने पाई सफलता, 3400 महिलाओं को बना चुकी हैं आत्मनिर्भर
फरीदाबाद, Faridabad News :- कुछ लोग कई बार परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहते हैं कि वह सफल नहीं हो पाए. उनका कहना होता है कि परिस्थितियों हमारे अनुकूल नहीं थी इसलिए हमें सफलता नहीं मिली. पर कई बार कुछ लोग इन परिस्थितियों का डटकर सामना करते हैं और सफल होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने परिस्थितियों बिल्कुल विपरीत होने के बाद भी पूरा संघर्ष किया और सफलता प्राप्त की.
11 साल बाद पूरी की अधूरी पढ़ाई
ओल्ड फरीदाबाद स्थित भीम बस्ती में रहने वाली गीता सिंह इसका जीता जागता उदाहरण है. जब वह 10वीं क्लास में थीं तो उनके पिता की मौत हो गई. जैसे-तैसे 12वीं की , लेकिन उसके बाद शादी हो गई. उन्होंने शादी के 11 साल बाद फिर से अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरा किया और Computer Course किया. अब वह फरीदाबाद के गांवों में जाकर महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें उद्यमी बनने में मदद कर रही है. गीता द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है. उनकी तरफ से लक्ष्य ग्रामीण विकास संस्था का गठन किया गया.
फरीदाबाद में बनाएं 150 स्वयं सहायता समूह
इस संस्था में उन्होंने न्यू इंदिरा कॉम्प्लेक्स, नहर पार, फरीदाबाद में सिलाई कढ़ाई ट्रेनिंग सेंटर, कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर, ब्यूटी पार्लर खोलकर मजदूर महिलाओं और शिक्षा छोड़ चुकी युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ा. फरीदाबाद में उन्होंने 150 स्वयं सहायता समूह बनाएं है जिसमें महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई जा रही है. गीता सिंह गांव में जाकर महिलाओं को साबुन बनाने, सेनेटरी पैड Making, फैशन डिजाइनिंग, कढ़ाई और सिलाई करना सीखा रही है. वह केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के साथ मिलकर असंगठित क्षेत्र की महिलाओं के लिए स्लम बस्तियों और गांवों में जाकर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन कर रही है.
अपने हुनर से पा सकती हैं सफलता
इन कार्यक्रमों में वह आर्थिक रूप से कमजोर और हाउस मेड महिलाओं को जागरुक कर उन्हें स्वरोजगार से Connect कर रही हैं. फरीदाबाद में वह अब तक 105 जागरुकता कार्यक्रम कर चुकी हैं. गीता 3400 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ चुकी हैं. उन्होंने फरीदाबाद में 150 गांवों में जल अभियान शुरू किया है. गीता का कहना है कि महिलाएं किसी भी उम्र में पढ़ सकती हैं. गीता कहती है कि महिलाएं अपने हुनर से जो चाहे वह प्राप्त कर सकती हैं, बस उन्हें खुद पर भरोसा रखना होगा.