चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के 8 महीने बाद वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल, भारत का नेतृत्व पूरी दुनिया के लिए बना प्रेरणा
नई दिल्ली :- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले साल अगस्त में चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंड करा कर History बना दी थी. अब इसे पूरी दुनिया में ख्याति मिल रही है. भारत की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रतिष्ठित 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार मिला है. कोलोराडो में वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के दौरान सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तरफ से ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत डी सी मंजूनाथ को यह पुरस्कार दिया गया है.
अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा
स्पेस फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश के रूप में, इसरो की तरफ से विकसित मिशन चंद्रयान-3 मानवता की अंतरिक्ष अन्वेषण आकांक्षाओं को समझ और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों तक विस्तार करता है. स्पेस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीदर प्रिंगल ने जनवरी में पुरस्कार के ऐलान के समय एक बयान में कहा था, “अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए प्रेरणा है.
चांद के इस क्षेत्र पर उतरने वाला भारत बना दुनिया का पहला देश
“उन्होंने बताया, “संपूर्ण चंद्रयान-3 टीम के अग्रणी कार्य ने अंतरिक्ष अन्वेषण के स्तर को फिर से उनकी उल्लेखनीय चंद्र लैंडिंग हम सभी के लिए एक मॉडल है. बधाई हो और हम यह देखने के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकते कि आप आगे क्या करते हैं.” भारत ने पिछले साल अगस्त में मिशन चंद्रयान-3 के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ किया है और चांद के इस क्षेत्र पर उतरने वाला वह दुनिया का पहला देश बन चुका है.