ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ और ज्यादा मुश्किल, अब ट्रैफिक वाले रोड पर देना होगा टेस्ट
नई दिल्ली :- जैसा की आपको पता है कि केरल को देश का सबसे ज्यादा पढ़ा- लिखा राज्य माना जाता है. अब इसमें ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना और उसे हासिल करना और भी मुश्किल होने वाला है. जानकारी देते हुए बताया गया कि केरल मोटर वाहन विभाग की तरफ से ड्राइविंग टेस्ट से जुड़े हुए नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. आज की इस खबर में हम आपको इन्ही बदलावों के बारे में जानकारी देने वाले हैं.
ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में हुए ये बड़े बदलाव
आवेदकों कों अब रियल लाइफ में ड्राइविंग टेस्ट देना होगा, यानी कि बिजी ट्रैफिक के बीच से वाहन चलाना है और अपनी काबिलियत को साबित करके दिखाना है. तभी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा. इसके अलावा भी नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं, हाल ही में केरल मोटर वाहन विभाग की तरफ से इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए. जिसके अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों कों अब वास्तविक तौर पर बिजी सड़क पर ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, विभाग ने एंगुलर पार्किंग, पैरेलल पार्किंग, जिगजैग ड्राइविंग जैसे कई टेस्ट को भी अनिवार्य कर दिया है.
इन बातों का रखना होगा अवश्य ध्यान
इस सर्कुलर में H टेस्ट करने से पहले आवेदकों को ग्रेडियंट टेस्ट से भी गुजरना होगा. यह नियम नई ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों या फिर रिन्यू करवाने वाले दोनों पर समान रूप से लागू होने वाले हैं. नए नियमों में प्रावधान शामिल किया गया है कि 15 साल से ज्यादा पुरानी किसी भी कार का उपयोग ड्राइविंग टेस्ट के दौरान नहीं किया जा सकता. टेस्ट के दौरान दो पहिया वाहन सेगमेंट में केवल उन्ही वाहनों को शामिल किया जाएगा जिनकी इंजन क्षमता 95cc या फिर उससे ज्यादा रहने वाली है. इसके अलावा चार पहिया ड्राइविंग टेस्ट में इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटिक कारों को शामिल नहीं किया गया है.