Success Story: उधार के 5000 रुपये से शुरू किया खुद का धंधा, आज सबके घर में होता है इनका प्रोडक्ट
नई दिल्ली, Success Story :- आपने अक्सर बहुत सारे ऐसे लोगों की कहानियों के बारे में सुना होगा जो एक छोटा सा काम करते थे और आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक है. इन लोगों ने कुछ हजार रुपए से आज हज़ारों करोड़ों रुपए का Business खड़ा कर लिया है. इन कंपनियों का डंका देश ही नहीं पूरे दुनियाभर में बज रहा है. इन्होंने अरबों डॉलर की कंपनियों को भी पछाड़ दिया है.
5000 क़े लॉन से शुरू किया लाखों करोड़ो का व्यवसाय
आज हम एक ऐसे ही शख्स की बात कर रहें है. कहानी है मुथेदाथ पंजन रामचंद्रन (Moothedath Panjan Ramachandran) की. जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते करोड़ों रुपए का बिज़नेस खड़ा किया है. रामचंद्रन केरल क़े रहने वाले है. इन्होंने 5000 रुपये का लोन लेकर ज्योति लैबोरेटरीज को शुरू किया था और आज यह 16900 करोड़ रुपये की कंपनी में बदल चुकी है. ज्योति लैब्स के फाउंडर रामचंद्रन अब कंपनी के मानद चेयरमैन हैं. कंपनी ने कई बेहतरीन Product तैयार किये हैं, जिन्हें भारतीय घरों में खूब सराहा जाता है.
शुरू करना चाहते थे खुद का Business
कंपनी के सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले उत्पाद में उजाला सुप्रीम फैब्रिक वाइटनर और एक्सो डिश वॉश बार है. रामचंद्रन ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए Accountant का काम किया. पर इन सबके बीच उनके मन में कुछ और ही चल रहा था. वह खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे और मन ही मन इसके लिए योजना भी बना रहें थे. रामचंद्रन ने अपनी रसोई में ही कई बार कपड़े चमकाने के लिए इस्तेमाल होने वाला Liquid बनाने का प्रयास किया मगर शुरुआत में उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
पूरे साल करते रहें प्रयोग
उनके मन में और इच्छा जागी और उन्होंने केमिकल इंडस्ट्री की मैग्जीन में पढ़ा कि कपड़ों को ज्यादा सफेद और चमकदार बनाने के लिए बैंगनी कलर प्रयोग किया जाता है. इस जानकारी के बाद वह कपड़े धोने का कारगर घोल बनाने के लिए पूरे साल बैंगनी रंग के पदार्थों के साथ Experiments करते रहे. अंत में उनका यह प्रयोग सफल हुआ और उन्होंने उजाला सुप्रीम फैब्रिक वाइटनर बनाने का निश्चय किया. उनका यह प्रोडक्ट बाजार में आने के बाद इतना Famous हुआ कि ‘चार बूंदों वाला उजाला’ के नाम से यह घर-घर में जाना जाने लगा. अब उनके पास ज्यादा पैसा नहीं था कि वो इसे बड़े पैमाने पर शुरू कर सके.
भाई से लिया Loan
इसके लिए उन्होंने अपने भाई से 1983 में 5000 रुपये उधार लेकर त्रिशूर में अपने घर के एक छोटे से हिस्से में अस्थायी कारखाना बनाया. उन्होंने बेटी ज्योति के नाम पर फैक्ट्री का नाम ज्योति लैब्स रखा. कंपनी को पहली बड़ी सफलता तब मिली जब उन्होंने उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक वाइटनर पेश किया. इस उत्पाद को लोगों ने काफ़ी पसंद किया. शुरु में उजाला लिक्विड को साउथ इंडिया में खूब पसंद किया गया. धीरे-धीरे 1997 तक यह पूरे देशभर में Famous हुआ. आज, ज्योति लैब्स का मार्केट कैप लगभग 16900 करोड़ रुपये है.