किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब गेहूं की खेती के लिए मिलेंगे 3600 रूपए
चंडीगढ़ :- Haryana Gehu Beej Anudan Yojana: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए हरियाणा गेहूं बीज अनुदान योजना का शुभारंभ किया है। जिसके अंतर्गत हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को प्रति एकड़ ₹3600 का अनुदान दिया जाएगा । जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन 10 नवंबर 2024 से शुरू होकर 25 दिसंबर 2024 तक चलेंगे।आवेदक से पहले किसानों को इस योजना के बारे में पता होना चाहिए।
गेहूं का बीज उपलब्ध करवाना मुख्य उद्देश्य
हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई हरियाणा गेहूं बीज अनुदान योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाला गेहूं का बीज उपलब्ध कराना है। जिससे कि उनकी पैदावार बढ़ सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके हैं। जिसका सीधा असर भारत के कृषि प्रणाली पर पड़ेगा और भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। क्योंकि हमेशा से ही भारत को एक कृषि प्रधान देश माना गया है। यानी कि कृषि भारत की रीड की हड्डी का काम करती है। इसीलिए देश के किसानों का आगे बढ़ाना मतलब देश का आगे बढ़ाना है। इसी को ध्यान में रखते हुए ही इस योजना का शुभारंभ किया गया है।
हरियाणा गेहूं बीज अनुदान योजना के लाभ
- योजना में प्रति एकड़ ₹3600 रुपए का अनुदान दिया जायेगा।
- 20% लाभ अनुसूचित जाति और 30% लाभ महिला किसान तथा 33% लघु एवं सीमांत किसानों को दिया जाएगा।
- प्रत्येक किसान ढाई एकड़ पर ही लाभ ले सकता है,
- इस योजना से किसान की आर्थिक स्थिति पर अच्छा असर पड़ेगा।
- गेहूं की पैदावार में बढ़ोतरी मिलेगी जिससे कि देश की प्रकृति होगी।
ये है योग्यता
- आवेदक हरियाणा का मूल निवासी हो।
- आवेदक की वार्षिक आय तीन लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक के पास बैंक खाता होना चाहिए।
- प्रत्येक किसान को अधिकतम ढाई एकड़ का ही लाभ मिलेगा ।
- राज्य में अंबाला भिवानी हिसार झज्जर मेवात पलवल चरखी दादरी तथा रोहतक जिले वाले किसानों को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
इस प्रकार करे अप्लाई
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले किसानों को ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा इसका लिंक आपको नीचे मिल जाएगा।
- ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं ।
- आवेदन करने के बाद किसान को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की समग्र सिफारिश के अनुसार सरकारी अर्द्ध सरकारी समिति या फिर अधिकृत विक्रेता से बीज खरीद कर उसकी रसीद को कृषि विकास अधिकारी के पास जमा करवाना होगा।
- अब कृषि विकास अधिकारी रसीद का सत्यापन और फसल का सत्यापन करके कृषि निदेशक के कार्यालय में भेज देगा ।
- आखिर में अगर सब कुछ सही होता है तो कृषि निदेशक किसान के खाते में धनराशि को भेज देगा।