Railway News: हरियाणा के इन जिलों में बिछेगी नई रेल लाइन, लाखों लोगों की होगी बल्ले- बल्ले
भिवानी, Railway News :- हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद विकास कार्यों में तेजी आ रही है। सीएम सैनी ने कई योजनाओं की घोषणा की है। सड़क से लेकर रेलवे तक के विकास कार्यों ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। हरियाणा राज्य में नई रेलवे लाइन बिछने के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, एक्सप्रेस-वे, हाईवे, रेलवे और मेट्रो सेवाओं के विस्तार से लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। इसी कड़ी में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, इसके बनने से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदल जाएगी। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना बना रहा है।
29.5 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत डबल ट्रैक रेलवे लाइन
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक एचओआरसी परियोजना का सेक्शन ए धुलावट से बादशाह तक है, 29.5 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत डबल ट्रैक रेलवे लाइन नूंह और गुरुग्राम जिलों से गुजरेगी। इस रेल कॉरिडोर पर सोनीपत से तुर्कपुर, खरखौदा, जसोर खेड़ी, मांडोठी, बादली, देवराखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चांदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में स्टेशन बनाए जाएंगे। खास बात यह है कि यह रेल कॉरिडोर देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के प्लांट से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित होगा, तो आइए आपको बताते हैं कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के पूरा होने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को किस तरह राहत मिलेगी।
2 सुरंगें बनेंगी
हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों से रोजाना 5 करोड़ टन माल का परिवहन संभव हो सकेगा, इस रेलवे ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी, कॉरिडोर पर 2 सुरंगें बनाई जाएंगी। खास बात यह है कि इस सुरंग का निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि इससे डबल स्टैक कंटेनर भी आसानी से गुजर सकेंगे। दोनों सुरंगों की लंबाई 4.7 किलोमीटर, ऊंचाई 111 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी। ऐसे में रेल कॉरिडोर नजदीक होने से वाहनों को लोड करना आसान होगा और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम होगी। इससे न सिर्फ डीजल की बचत होगी बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर पृथला और तावडू में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को जोड़ेगा। इससे कारें कम से कम समय में देश के किसी भी हिस्से में पहुंच सकेंगी।