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Haryana News

10th और 12th कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा से पहले हुआ बड़ा बदलाव, सुनते ही नाचने लगे बच्चे

शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की है कि 2025 से बोर्ड परीक्षाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। ये बदलाव न केवल परीक्षा के स्वरूप को बदलेंगे, बल्कि छात्रों के मूल्यांकन के तरीके में भी बड़ा परिवर्तन लाएंगे। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना और उनके समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।

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इन नए बदलावों के तहत, छात्रों को अब सिर्फ एक बार की परीक्षा के बजाय साल भर के प्रदर्शन के आधार पर आंका जाएगा। इसके अलावा, रटने की प्रवृत्ति को कम करने के लिए प्रश्न पत्रों में अधिक व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक प्रश्न शामिल किए जाएंगे। यह बदलाव छात्रों को अपने ज्ञान को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में लागू करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

बदलाव विवरण
मूल्यांकन प्रणाली साल भर के प्रदर्शन पर आधारित
प्रश्न पत्र का स्वरूप अधिक व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक प्रश्न
परीक्षा की अवधि कई छोटी परीक्षाएं पूरे साल में
विषय चयन अधिक लचीलापन और विकल्प
प्रैक्टिकल परीक्षा बढ़ा हुआ महत्व और नए प्रारूप
ऑनलाइन मूल्यांकन डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग
कौशल आधारित प्रश्न रचनात्मकता और समस्या समाधान पर जोर
भाषा विकल्प क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देने का विकल्प

2025 से, बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन केवल एक बड़ी परीक्षा के बजाय पूरे साल के प्रदर्शन पर आधारित होगा। इस नई प्रणाली के तहत:

  • छात्रों के त्रैमासिक मूल्यांकन होंगे।
  • प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट का महत्व बढ़ेगा।
  • कक्षा में भागीदारी और नियमित उपस्थिति को भी अंकों में शामिल किया जाएगा।

यह बदलाव छात्रों को नियमित अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करेगा और अंतिम परीक्षा के दबाव को कम करेगा।

नए प्रारूप में, प्रश्न पत्र अधिक व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक होंगे। इसका उद्देश्य है:

  • छात्रों की समझ का परीक्षण करना, न कि केवल याद रखने की क्षमता का।
  • वास्तविक जीवन की समस्याओं से जुड़े प्रश्न पूछना।
  • क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स का विकास करना।

इस बदलाव से छात्र न केवल पाठ्यक्रम को समझेंगे, बल्कि उसे अपने दैनिक जीवन में भी लागू कर पाएंगे।

2025 से, बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन पूरे साल में फैला होगा। इसके अंतर्गत:

  • छोटी-छोटी परीक्षाएं नियमित अंतराल पर होंगी।
  • हर त्रैमासिक में एक मुख्य परीक्षा होगी।
  • प्रैक्टिकल टेस्ट और वाइवा का आयोजन साल भर में होगा।

यह व्यवस्था छात्रों को अपने अध्ययन को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद करेगी और परीक्षा के समय तनाव को कम करेगी।

नई व्यवस्था में छात्रों को अपने विषयों के चयन में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी:

  • मुख्य विषयों के साथ-साथ वैकल्पिक विषयों की संख्या बढ़ेगी।
  • छात्र अपनी रुचि और कौशल के अनुसार विषय चुन सकेंगे।
  • अंतर-विषयक अध्ययन को प्रोत्साहन मिलेगा।

यह बदलाव छात्रों को अपनी पसंद के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का मौका देगा।

प्रैक्टिकल परीक्षाओं में भी कई बदलाव किए जाएंगे:

  • लैब वर्क और फील्ड प्रोजेक्ट्स को अधिक महत्व दिया जाएगा।
  • वास्तविक उपकरणों और तकनीकों के उपयोग पर जोर होगा।
  • समूह प्रोजेक्ट्स को भी मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा।

इससे छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने का मौका मिलेगा।

2025 से, बोर्ड परीक्षाओं में डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ेगा:

  • कुछ परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएंगी।
  • डिजिटल पोर्टफोलियो का उपयोग छात्रों के काम को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा।
  • ऑटोमेटेड ग्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल होगा।

यह बदलाव परीक्षा प्रक्रिया को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाएगा।

नए प्रारूप में, परीक्षा में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो छात्रों के विभिन्न कौशलों का परीक्षण करेंगे:

  • रचनात्मक लेखन और प्रस्तुतीकरण कौशल।
  • समस्या समाधान और निर्णय लेने की क्षमता।
  • टीम वर्क और नेतृत्व गुणों का मूल्यांकन।

इससे छात्रों को अपने सॉफ्ट स्किल्स विकसित करने का मौका मिलेगा, जो भविष्य के कार्यस्थल में बहुत महत्वपूर्ण हैं।

2025 से, छात्रों को अपनी पसंदीदा भाषा में परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा:

  • अंग्रेजी और हिंदी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षा देने का विकल्प।
  • बहुभाषी प्रश्न पत्र उपलब्ध होंगे।
  • भाषा कौशल के मूल्यांकन पर विशेष ध्यान।

यह बदलाव भाषाई विविधता को बढ़ावा देगा और छात्रों को अपनी मातृभाषा में अपने विचारों को बेहतर ढंग से व्यक्त करने का मौका देगा।

नए पाठ्यक्रम में तकनीकी ज्ञान और डिजिटल कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

  • कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डेटा विश्लेषण जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा।
  • डिजिटल टूल्स के उपयोग पर प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
  • साइबर सुरक्षा और डिजिटल नागरिकता पर पाठ्यक्रम।

यह बदलाव छात्रों को आधुनिक कार्यस्थल की मांगों के लिए बेहतर तैयार करेगा।

2025 के बोर्ड परीक्षा पाठ्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा:

  • जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों पर अध्ययन।
  • पर्यावरण संरक्षण के व्यावहारिक प्रोजेक्ट।
  • सतत जीवनशैली को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम।

इससे छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयार होंगे।

नई शिक्षा नीति में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

  • तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशालाएं।
  • योग और ध्यान को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
  • काउंसलिंग सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।

Rohit

प्रिय पाठको मेरा नाम रोहित कुमार है. मैं खबरी एक्सप्रेस का फाउंडर हूँ. वेबसाइट पर कार्य मेरी देख रेख में ही किये जाते है. यदि आपको हमारी वेबसाइट के किसी कंटेंट से कोई समस्या है. तो आप मुझे [email protected] पर मेल कर सकते है

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