अब गुरुग्राम से झज्जर AIIMS तक उड़ान भरेंगी मेट्रो, ये दो रूट हो सकते है फाइनल
गुरुग्राम :- अगले कुछ वर्षों में गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक मेट्रो चल सकती है। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचएमआरटीसी) की तरफ से झज्जर के गांव बाड़सा स्थित एम्स तक मेट्रो का विस्तार करने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगले महीने तक यह सर्वे रिपोर्ट आने की उम्मीद है। यह सर्वे दो मेट्रो रूट पर किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट में राइडरशिप को देखा जाएगा, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा कि किस मेट्रो मार्ग से एम्स को जोड़ा जाए। इसके बाद डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे के पास संकरा
गुरुग्राम से झज्जर एम्स तक काफी संख्या में मरीज जाते हैं। मौजूदा समय में गुरुग्राम-झज्जर के बीच सड़क मार्ग द्वारका एक्सप्रेसवे के पास संकरा है। इस वजह से सुबह और शाम के समय इस रोड पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने द्वारका एक्सप्रेसवे से एम्स तक नया रोड निकालने की योजना बनाई थी, लेकिन किसानों द्वारा जमीन की अधिक कीमत मांगने के कारण यह परियोजना अभी सिरे नहीं चढ़ सकती है। इस बीच एचएमआरटीसी ने एम्स तक मेट्रो का विस्तार करने की तैयारी के तहत राइट्स को राइडरशिप का सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
इन रूटों पर विचार
इस सर्वे में राइट्स को यह देखना है कि ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के द्वारका एक्सप्रेसवे पर प्रस्तावित सेक्टर-101 (गांव बसई) मेट्रो स्टेशन से झज्जर एम्स तक मेट्रो का विस्तार किया जाए या दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के ढांसा मेट्रो स्टेशन से मेट्रो का विस्तार किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, यह रिपोर्ट जनवरी माह के अंत तक एचएमआरटीसी के पास पहुंच जाएगी। द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर-101 से एम्स, झज्जर की दूरी करीब 14 किलोमीटर है, जबकि दिल्ली के ढांसा मेट्रो स्टेशन से नजफगढ़ होते हुए एम्स, झज्जर की दूरी करीब 20 किलोमीटर है।
गुरुग्राम से परिवहन व्यवस्था बदहाल
एम्स के एक कर्मचारी ने बताया कि गुरुग्राम के झज्जर स्थित एम्स तक परिवहन व्यवस्था फिलहाल बदहाल अवस्था में है। राजस्थान या मध्य प्रदेश से ट्रेन या बस के माध्यम से आ रहे मरीजों को बेहद असुविधा होती है। गुरुग्राम रेलवे स्टेशन या इफको चौक बस स्टॉप पर उतरने के बाद मरीज जैसे-तैसे बस और ऑटो में सफर करके एम्स तक जाते हैं। एम्स तक की सीधी बस न तो हरियाणा रोडवेज ने चलाई हुई है और न ही सिटी बस चलती है। ऐसे में मरीजों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। एम्स में रोजाना 1000 मरीज पहुंचते हैं, जिसमें से नए मरीजों की ओपीडी 400 है। दिल्ली से बाड़सा तक बस चलाई हुई है। ऐसे में बिहार और उत्तर प्रदेश से इलाज करवाने इस अस्पताल में जा रहे लोगों को असुविधा नहीं होती है।