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Haryana News:हरियाणा में बदल गया फॅमिली ID का ये बड़ा नियम, इन परिवारो को नहीं मिलेगा किसी भी सरकारी योजना का लाभ
चंडीगढ़:- हरियाणा से पलायन कर चुके या लंबे समय से प्रदेश से बाहर रह रहे परिवारों का परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अब रद होगा। परिवार पहचान नंबर वाले परिवार का कोई भी सदस्य अगर परिवार में नहीं रहता है या परिवार का कोई भी सदस्य जीवित नहीं है, तो भी पीपीपी को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा अगर परिवार का मुखिया हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के समक्ष किसी सदस्य को पीपीपी से बाहर करने का अनुरोध करता है तो संबंधित सदस्य का पीपीपी नंबर रद हो जाएगा।
पीपीपी डेटा किसी से साझा नहीं
प्राधिकरण के सीईओ जे गणेशन ने परिवार पहचान पत्र से जुड़े नियमों में बदलाव के आदेश जारी कर दिए हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। परिवार सूचना डेटा कोष में दर्ज परिवारों का डेटा लीक होने से रोकने के लिए सरकार ने एजेंसियों के भी हाथ बांध दिए हैं।
संबंधित एजेंसियां गैर सरकारी कार्यों के लिए पीपीपी डेटा किसी से साझा नहीं कर सकेंगी। केवल सरकारी योजना, सब्सिडी, सेवा और लाभ लेने तथा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा विज्ञापित भर्तियों के मामले में सत्यापन के लिए पीपीपी के डाटा का इस्तेमाल किया जा सकेगा। केंद्र सरकार, राज्य सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाला कोई बोर्ड, वैधानिक प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, निगम या अन्य अभिकरण या राज्य में कोई स्थानीय प्राधिकरण ही डेटा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
पीपीपी में कैसे अपडेट होगा डेटा
पीपीपी में दर्ज परिवार के किसी सदस्य की जाति के सत्यापन की जिम्मेदारी पटवारी और कानूनगो की होगी। परिवार सूचना डाटा कोष में संबंधित परिवार के सदस्यों द्वारा दर्शाई गई जाति की जानकारी दिए बिना उस पटवारी को सत्यापन के लिए भेजी जाएगी, जिसके अधिकार क्षेत्र में परिवार रहता है। यदि पीपीपी में परिवार द्वारा स्वघोषित जाति और पटवारी द्वारा दर्शाई गई जाति समान है तो उस सदस्य की जाति को सत्यापित माना जाएगा। पटवारी और परिवार द्वारा दर्शाई गई जाति में अंतर पाया जाता है तो संबंधित कानूनगो को इसकी जानकारी दिए बगैर जाति का सत्यापन कराया जाएगा।पटवारी द्वारा दर्शाई गई जाति अगर कानूनगो की रिपोर्ट से मेल खाती है तो इसे सत्यापित माना जाएगा। अगर कानूनगो की रिपोर्ट में संबंधित परिवार और पटवारी द्वारा दी गई जाति से अलग जाति दिखाई जाती है तो मंडल राजस्व अधिकारी द्वारा अंतिम सत्यापन किया जाएगा। मंडल राजस्व अधिकारी की रिपोर्ट अंतिम होगी, जिसके आधार पर पीपीपी में डेटा अपडेट कर दिया जाएगा।
जन्म तिथि में करा सकते सुधार
पीपीपी में दर्ज किसी सदस्य की जन्म तिथि में अगर कोई गलती है तो इसे ठीक कराने के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। सरकारी कर्मचारियों के मामले में उनके डेटाबेस में दर्ज जन्मतिथि और सेवानिवृत्त जवानों के मामलों में रक्षा सेवाओं द्वारा जारी सेवा मुक्ति प्रमाणपत्र मान्य होगा।इसके अलावा आमजन के लिए जन्म प्रमाणपत्र, दसवीं का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र और मतदाता पहचान पत्र में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर पीपीपी में रिकार्ड दुरुस्त कराया जा सकता है।