Airtel फिर से बढ़ाने जा रहा है रिचार्ज प्लान के दाम, ग्राहकों के पैरो के निचे से निकली जमीन
नई दिल्ली :- कुछ महीनों पहले ही मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी करने और रिकॉर्ड एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) हासिल करने के बाद भारती Airtel ने एक बार फिर दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. कंपनी के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गोपाल विट्टल ने कहा है कि टेलीकॉम सेक्टर की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए टैरिफ में और इजाफा जरूरी है. एयरटेल के तिमाही नतीजों के दौरान गोपाल विट्टल ने कहा कि कंपनी फिलहाल नेटवर्क पर निवेश कम कर रही है, लेकिन ट्रांसमिशन पावर बढ़ाने, ग्राहकों के अनुभव में सुधार और होम ब्रॉडबैंड सेवाओं के विस्तार पर ध्यान देगी. उन्होंने यह भी बताया कि FY25 में कंपनी का पूंजीगत खर्च (Capex) पिछले साल की तुलना में कम रहेगा, और यह वित्तीय वर्ष 2026 में और घटेगा.
कम मुनाफे वाले बिजनेस से बाहर होगी एयरटेल
विट्टल ने यह भी ऐलान किया कि एयरटेल अपने ग्लोबल बिजनेस पोर्टफोलियो से होलसेल वॉयस और मैसेजिंग के कारोबार से बाहर हो रही है. उन्होंने कहा कि यह बिजनेस बहुत कम मार्जिन वाला है और कंपनी अब डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने के लिए नए क्षेत्रों में निवेश करेगी. गोपाल विट्टल के मुताबिक, भारत में टैरिफ अभी भी दुनिया में सबसे कम हैं. ऐसे में उद्योग की वित्तीय स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए इसे और बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि टैरिफ में सुधार से ही टेलीकॉम सेक्टर में स्थायी और उचित रिटर्न सुनिश्चित किया जा सकता है.” एयरटेल और अन्य निजी टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले ही साल जुलाई 2024 में अपने टैरिफ में 10-21% तक की बढ़ोतरी की थी. अब नए संकेतों से साफ है कि एयरटेल आने वाले महीनों में रिचार्ज प्लान्स की कीमतें और बढ़ा सकती है, जिससे ग्राहकों की जेब पर असर पड़ सकता है.
कंपनी के नेट प्रॉफिट में पांच गुना बढ़ोतरी
भारती एयरटेल ने गुरुवार को अपनी तिमाही रिपोर्ट जारी की. जिसमें कंपनी का संयुक्त शुद्ध लाभ पांच गुना से ज्यादा बढ़कर 16,134.6 करोड़ रुपये पहुंच गया. यह वृद्धि मुख्य रूप से इंडस टावर्स के कारोबार के विलय और टैरिफ बढ़ोतरी के फायदे की वजह से हुई है. पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी का संयुक्त लाभ 2,876.4 करोड़ रुपये था. भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी ने इस तिमाही में 45,129.3 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की समान अवधि के 37,899.5 करोड़ रुपये से लगभग 19% ज्यादा है.