आम आदमी के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का बड़ा तोहफा, ब्याज दरों में और होगी कटौती
नई दिल्ली :- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती करते हुए इसे 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है. हालांकि, मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल रखा गया है ताकि भविष्य में नीतिगत कदम उठाने में लचीलापन बना रहे. बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई अब दर कटौती चक्र की शुरुआत कर चुका है, जिससे आगे भी कटौतियों की संभावना बनी हुई है.
आगे भी कटौती संभव
BoB की अर्थशास्त्री सोनल बद्धन के अनुसार, “हम इस कैलेंडर वर्ष में कुल 75bps की कटौती की संभावना देख रहे हैं. अप्रैल नीति में आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी और मुद्रास्फीति-विकास के संतुलन को ध्यान में रखते हुए अगली कटौती या नीतिगत रुख में बदलाव संभव है.” BoB के नोट के अनुसार, अगली दर कटौती के समय नीति रुख न्यूट्रल से अकॉमोडेटिव (समर्थक) होने की भी संभावना है. यह कटौती कोविड-19 महामारी के बाद की पहली कटौती है.
लिक्विडिटी प्रबंधन और बॉन्ड मार्केट में सुधार
RBI ने बैंकों को अन-कोलेटरलाइज़्ड कॉल मार्केट में उधार देने को प्रोत्साहित किया है ताकि वे अपनी अधिशेष नकदी को आरबीआई के पास रखने के बजाय बाज़ार में उपलब्ध कराएं. सरकार द्वारा फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स को सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में पेश किया गया है, जिससे बीमा कंपनियों जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को ब्याज दर जोखिम प्रबंधन में मदद मिलेगी. इससे बॉन्ड-आधारित डेरिवेटिव्स की उचित कीमत तय करने में भी सहायता मिलेगी, जिससे तरलता (Liquidity) में सुधार की उम्मीद है.
वित्तीय बाज़ार पहुंच का विस्तार
SEBI-पंजीकृत गैर-बैंकिंग ब्रोकर्स अब NDS-OM प्लेटफॉर्म पर अपने ग्राहकों की ओर से लेन-देन कर सकेंगे. पहले यह सुविधा केवल विनियमित संस्थानों और बैंकों के क्लाइंट्स को ही उपलब्ध थी. इस कदम से बाज़ार की पहुंच व्यापक होने की संभावना है.
वित्तीय बाजारों की ट्रेडिंग और सेटलमेंट प्रक्रिया की समीक्षा
आरबीआई वित्तीय बाज़ारों की ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की व्यापक समीक्षा के लिए विभिन्न भागीदारों के साथ एक कार्य समूह (Working Group) स्थापित करेगा. यह समूह 30 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.
क्रॉस-बॉर्डर लेन-देन में सुरक्षा बढ़ेगी
RBI ने क्रॉस-बॉर्डर ‘कार्ड नॉट प्रेजेंट’ (CNP) लेन-देन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण (AFA) की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है. इससे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लेन-देन में भारतीय कार्डधारकों की सुरक्षा बढ़ेगी.