हिसार एयरपोर्ट से जल्द शुरू होगी कार्गो फ्लाइट, अरब देशों में भेजे जाएगे ताजा सब्जियां व फल
चंडीगढ़ :- हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आज नई कृषि क्रांति समय की जरूरत बन गई है. इसी दिशा में कार्य करने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय व शोध संस्थाओं के वैज्ञानिक मिलकर शोध कार्यो के लिए सहयोग करें. जिससे नई विधाओं को आगे लेकर जाया जा सके. इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन भी दिया जाएगा. इससे खेती करने में जहां किसानों की लागत में कमी आएगी, वही अच्छी उपज के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.
नई कृषि क्रांति बन गई है समय की जरूरत
मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में आयोजित हरियाणा कृषि विकास मेला 2023 के समापन अवसर के दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर ने संबोधन किया. इस समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता भी उपस्थित रहे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने कृषि उपकरणों व उत्पादों से जुड़ी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. इस मौके पर CM ने अंडरग्राउंड पाइप लाइन, ई -रूपी पोर्टल भी लांच किए. उन्होंने हरियाणा के बारे में कहा कि जय जवान जय किसान, जय विज्ञान जय अनुसंधान का संगम है. इसके साथ ही उन्होंने जय पहलवान भी जोड़ा है.
इस दिशा में किया जाए ज्यादा से ज्यादा शोध कार्य
CM ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नए -नए प्रयोग किए जा रहे हैं. सरकार की तरफ से इस दिशा में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसलिंग भी बनाई जा रही है. इतना ही नहीं आने वाले समय में महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से कार्गो फ्लाइट शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है, जिससे हरियाणा के किसानों की ताजा फल एवं सब्जियां अरब देशों में निर्यात की जा सके. सीएम ने कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे कम लागत और अधिक पैदावार कैसे हो, इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा Research करें ताकि उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जा सके.
पानी का स्तर लगाकर जा रहा है नीचे
साथ ही खदानों के मार्केटिंग के लिए भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो, यह कार्य मार्केटिंग बोर्ड द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि आजकल केमिकल व कीटनाशको के अत्यधिक प्रयोग से खाद्यान्नों की गुणवत्ता प्रभावित हो गई है, इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके लिए प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए. सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की सब्सिडी दे रही है. लगातार पानी के दोहन से भूमिगत जल नीचे जा रहा है, पानी की कमी की वजह से किसान नकदी फसलों को अपनाए जिसमे फल, फूल, सब्जी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन पशुपालन तथा मत्स्य पालन आदि शामिल है.