लो जी बिकने जा रहा है ये बड़ा प्राइवेट बैंक, ग्राहकों के पैरों के नीचे से निकली जमीन
नई दिल्ली :- एक्सिस बैंक ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी एक्सिस फाइनेंस लिमिटेड को बेचने की संभावना तलाशनी शुरू कर दी है। यह जानकारी दो सूत्रों ने दी है। इसका असर गुरुवार को एक्सिस बैंक के शेयरों पर दिख सकता है। मंगलवार को एक्सिस बैंक के शेयर मामूली गिरावट के साथ 1008.75 रुपये पर बंद हुए थे। आज यानी बुधवार 26 फरवरी को घरेलू शेयर मार्केट महाशिवरात्रि के मौके पर बंद है।
एक्सिस फाइनेंस का मुख्य व्यापार रिटेल और होलसेल लेंडिंग, एमएसएमई लोन और इंश्योरेंस है। बैंक ने यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रस्तावित नियमों के कारण उठाया है। नियम के मुताबिक बैंकों को अपनी सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को सीमित करना होगा और बैंकों और उनकी ग्रुप कंपनियों के बीच व्यापारिक ओवरलैप को कम करना होगा।
ब्लूमबर्ग के सूत्रों ने यह भी बताया कि एक्सिस फाइनेंस के पब्लिक लिस्टिंग (IPO) के बजाय अब प्राइवेट सेलऑफ का विकल्प चुना गया है। क्योंकि, प्राइवेट डील से ज्यादा वैल्यूएशन मिलने की उम्मीद है। एक्सिस बैंक का भारत का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। यह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) एक्सिस फाइनेंस के लिए लगभग 1 अरब डॉलर (करीब 8,000-10,000 करोड़ रुपये) का वैल्यूएशन चाहता है। इस काम के लिए बैंक ने इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली को नियुक्त किया है।
80-100% हिस्सेदारी बेच सकता है बैंक
जानकारों के मुताबिक, अगर कोई खरीदार कंट्रोल प्रीमियम देने को तैयार होता है तो एक्सिस बैंक एक्सिस फाइनेंस में अपनी 80-100% हिस्सेदारी बेच सकता है। 20 अगस्त को मिंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि एक्सिस बैंक एक्सिस फाइनेंस के लिए स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर लाने या फिर इसकी पब्लिक लिस्टिंग करने पर विचार कर सकता है।
RBI के ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों को अपनी सभी सब्सिडियरी कंपनियों, जिनमें एनबीएफसी भी शामिल हैं, में अपनी हिस्सेदारी को दो साल के भीतर 20% या उससे कम करना होगा। एक अन्य प्रस्ताव के मुताबिक, बैंक के ग्रुप की कई कंपनियों को एक जैसा व्यापार करने की अनुमति नहीं होगी और बैंक और ग्रुप कंपनियों के बीच लेंडिंग बिजनेस में ओवरलैप नहीं होना चाहिए।
एक्सिस बैंक और मॉर्गन स्टेनली को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। मंगलवार शाम को ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एक्सिस बैंक एक्सिस फाइनेंस के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें इसकी मेजर स्टेक बेचना भी शामिल है। बैंक ने इसके लिए एक सलाहकार को भी नियुक्त किया है।
एक्सिस फाइनेंस का वैल्यूएशन 4,000 करोड़ रुपये
जानकारों के मुताबिक, एक्सिस फाइनेंस का बुक वैल्यू करीब 4,000 करोड़ रुपये है। इसके ऊपर खरीदार कंट्रोल प्रीमियम देने को तैयार हैं। एक सूत्र ने बताया, “एक्सिस फाइनेंस के बुक वैल्यू का दोगुना वैल्यूएशन और कंट्रोल प्रीमियम पर चर्चा हो रही है। इस तरह बैंक 8,000-10,000 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन की उम्मीद कर रहा है।”
सूत्रों ने यह भी बताया कि हालांकि खरीदारों के साथ बातचीत कुछ हफ्ते पहले ही शुरू हुई है, लेकिन कई प्राइवेट इक्विटी (PE) खरीदार एक्सिस फाइनेंस को खरीदने के लिए तैयार हैं, क्योंकि इसका बिजनेस काफी मजबूत है। यह एक मिडिल-लेयर एनबीएफसी है जिसका बिजनेस लगातार बढ़ रहा है, जो खरीदारों के लिए एक आकर्षक डील बनाता है, खासकर उनके लिए जो भारत के बढ़ते फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में एंट्री करना चाहते हैं।
क्यों कैंसिल हुआ IPO?
पिछले कुछ महीनों से एक्सिस बैंक एक्सिस फाइनेंस में अपनी कुछ हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने पर विचार कर रहा था, लेकिन अब उसका यह प्लान बदल गया है। क्योंकि, इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ने सलाह दी है कि प्राइवेट सेलऑफ से ज्यादा वैल्यूएशन मिल सकता है। सूत्र ने कहा, “आईपीओ में कुछ हिस्सेदारी बेचने से उतना वैल्यूएशन नहीं मिलेगा, जितना कि प्राइवेट डील में पूरी कंपनी बेचने से मिल सकता है और इस तरह की प्राइवेट डील से बैंक RBI के नियमों के अनुसार अपनी सहायक कंपनियों में एक्सपोजर को कम कर पाएगा।”
नौ महीनों में 3,013.9 करोड़ रुपये का प्रॉफिट
2024 के अप्रैल-दिसंबर तक के नौ महीनों में एक्सिस फाइनेंस को 3,013.9 करोड़ रुपये का कुल प्रॉफिट हुआ है, जो पिछले साल के इसी अवधि में 2,255 करोड़ रुपये थी। इसने नौ महीनों में 494 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 434.6 करोड़ रुपये था।