टोल टैक्स को लेकर सरकार का बड़ा बदलाव, अब गाड़ी के अनुसार कटेगा टोल
नई दिल्ली :- हम सब हाइवे पर सफर करते हैं, और टोल टैक्स देना आम बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी छोटी गाड़ी और बड़ी ट्रक का टोल एक जैसा क्यों होता है? अब सरकार इस सिस्टम को बदलने की तैयारी में है। जल्द ही टोल टैक्स गाड़ी के हिसाब से कटेगा, जिससे लोगों को ज्यादा पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी। इस नए नियम से आम जनता को क्या फायदा होगा और यह कब तक लागू होगा? आइए, विस्तार से जानते हैं।
Toll Tax का मौजूदा सिस्टम कैसे काम करता है?
अभी तक भारत में ज्यादातर जगहों पर टोल प्लाजा मैनुअल और इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम (FASTag) के जरिए संचालित होते हैं।
- टोल दरें आमतौर पर सड़क की लंबाई और प्रकार के आधार पर तय की जाती हैं।
- कई जगहों पर एक तय राशि ली जाती है, फिर चाहे आपकी गाड़ी छोटी हो या बड़ी।
- भारी गाड़ियों को थोड़ा अधिक टोल देना पड़ता है, लेकिन छोटे वाहनों के लिए ज्यादा अंतर नहीं होता।
इससे कई बार लोगों को लगता है कि वे अपनी गाड़ी के हिसाब से ज्यादा टोल दे रहे है
नए सिस्टम में क्या बदलाव होगा?
सरकार अब “विहिकल-क्लास बेस्ड टोल कलेक्शन” सिस्टम लाने की योजना बना रही है, जिससे टोल कटने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।
- गाड़ी के वजन और साइज के हिसाब से टोल
- छोटी गाड़ियों के लिए कम चार्ज
- बड़ी गाड़ियों (ट्रक, बस) के लिए ज्यादा चार्ज
- यात्रा की दूरी के आधार पर भुगतान
- जितनी दूरी तय करोगे, उतना ही टोल कटेगा।
- अभी कई जगहों पर एक तय राशि ली जाती है, भले ही आप पूरा हाईवे ना इस्तेमाल करें।
- GPS आधारित टोल कलेक्शन
- सरकार GPS आधारित टोल सिस्टम लागू करने की भी योजना बना रही है।
- इसमें कोई टोल बूथ नहीं होगा, बल्कि गाड़ियों में लगे ट्रैकिंग सिस्टम से खुद-ब-खुद टोल कट जाएगा।
कब तक लागू होगा नया टोल सिस्टम?
यह बदलाव कब तक आएगा, इस पर अभी चर्चा चल रही है। लेकिन कुछ अहम बातें इस प्रकार हैं:
चरण | विवरण | अनुमानित समय |
---|---|---|
पायलट प्रोजेक्ट | कुछ हाईवे पर टेस्टिंग | 2024 के अंत तक |
GPS टोल ट्रायल | बड़ी गाड़ियों पर GPS आधारित टोल ट्रायल | 2025 की शुरुआत |
पूरे देश में लागू | सभी टोल प्लाजा हटाकर नया सिस्टम लागू | 2026 के मध्य तक |
सरकार पहले इसे कुछ हाईवे पर टेस्ट करेगी, फिर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
नए नियम से आम जनता को क्या फायदा होगा?
अगर यह नया सिस्टम लागू होता है, तो आम लोगों को इससे कई फायदे होंगे:
- कम दूरी के यात्रियों को राहत – अगर आप हाईवे पर कम दूरी तक सफर करते हैं, तो आपको पूरा टोल नहीं देना पड़ेगा।
- छोटी गाड़ियों के लिए कम खर्च – बाइक, कार जैसी गाड़ियों के लिए टोल पहले से कम हो सकता है।
- ट्रैफिक जाम से छुटकारा – टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि GPS से ऑटोमेटिक पेमेंट होगा।
- भ्रष्टाचार पर रोक – कई जगह टोल प्लाजा पर गलत चार्ज वसूला जाता है, नए सिस्टम से यह बंद हो जाएगा।
क्या इस सिस्टम से कोई दिक्कत भी हो सकती है?
हर नया बदलाव कुछ चुनौतियों के साथ आता है। आइए देखते हैं कि इस नए टोल सिस्टम से क्या संभावित दिक्कतें हो सकती हैं:
- GPS सिस्टम की लागत – हर गाड़ी में GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाना महंगा हो सकता है।
- इंटरनेट पर निर्भरता – यह सिस्टम पूरी तरह से इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट पर निर्भर होगा।
- पुराने वाहनों का अपग्रेड – कई पुराने वाहन इस तकनीक से लैस नहीं होंगे, जिससे परेशानी हो सकती है।
लेकिन सरकार इसे धीरे-धीरे लागू करेगी ताकि आम लोगों को ज्यादा परेशानी ना हो।
असली जिंदगी के उदाहरण – लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
1.रवि (एक कार चालक)
रवि रोज़ हाईवे पर 20 किमी सफर करता है, लेकिन उसे पूरे 60 किमी का टोल देना पड़ता है। नए सिस्टम में उससे केवल उसकी तय की गई दूरी का ही चार्ज लिया जाएगा, जिससे उसका खर्च कम होगा।
2.सुरेश (एक ट्रक ड्राइवर)
सुरेश का ट्रक भारी माल ढोता है, लेकिन अभी उसका टोल दूसरों से बहुत कम अंतर पर पड़ता है। नए नियम के तहत भारी गाड़ियों से ज्यादा चार्ज लिया जाएगा, जिससे सरकार को भी ज्यादा राजस्व मिलेगा।
3.नीता (एक टूरिस्ट)
नीता अक्सर अलग-अलग शहरों में घूमने जाती हैं। टोल प्लाजा पर रुकने में उनका बहुत समय खराब होता है। GPS टोल आने से उनका सफर आसान और तेज हो जाएगा। भारत में टोल सिस्टम को और ज्यादा पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार नए बदलाव करने जा रही है। GPS आधारित टोल सिस्टम और गाड़ी के हिसाब से टोल कटने से आम जनता को फायदा होगा। हालांकि, इसे पूरी तरह लागू होने में कुछ साल लग सकते हैं, लेकिन आने वाले समय में यह सिस्टम सफर को और भी सुगम बना देगा। क्या आपको लगता है कि यह नया सिस्टम सही रहेगा? कमेंट करके हमें अपनी राय जरूर बताएं!