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UPI ट्रांजैक्शन में हुआ ये बड़ा बदलाव, अब यूजर खुद ब्लॉक कर सकेंगे राशि

नई दिल्ली :- 1 मार्च 2025 से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में एक महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहा है, जिससे बीमा प्रीमियम भुगतान और अधिक आसान होगा। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक नई सुविधा को मंजूरी दी है, जिसके तहत पॉलिसीधारक अपने बीमा प्रीमियम की राशि को पहले से UPI के माध्यम से ब्लॉक कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य बीमा भुगतान को सुरक्षित और सुगम बनाना है, जिससे ग्राहकों को तत्काल डेबिट की आवश्यकता न हो।

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UPI में बीमा-ASB फीचर की शुरुआत

UPI सिस्टम में बीमा-ASB (एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक अमाउंट) नामक एक नई सुविधा जोड़ी जाएगी। इस फीचर के जरिए पॉलिसीधारक अपने बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए पहले से ही राशि को सुरक्षित रख सकेंगे। यह सुविधा जीवन और स्वास्थ्य बीमा दोनों के लिए लागू होगी, जिससे भुगतान प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और भरोसेमंद बनेगी।

फंड ब्लॉकिंग सिस्टम कैसे काम करेगा?

इस नई प्रणाली के तहत, बीमा कंपनियां ग्राहकों को “वन-टाइम मैंडेट” की सुविधा प्रदान करेंगी, जिससे वे अपने बैंक खाते में एक निश्चित राशि को UPI के माध्यम से ब्लॉक कर सकें।

  • बीमा प्रस्ताव स्वीकृत होने पर – ब्लॉक की गई राशि अपने आप डेबिट हो जाएगी।
  • बीमा प्रस्ताव अस्वीकृत होने पर – पूरी राशि ग्राहक के खाते में वापस आ जाएगी।
  • ब्लॉकिंग अवधि – अधिकतम 15 दिनों तक राशि सुरक्षित रहेगी और इस दौरान इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
  • ब्याज लाभ – इस दौरान ग्राहक को ब्लॉक की गई राशि पर ब्याज मिलता रहेगा।

बीमा कंपनियों के लिए अनिवार्य सुविधा

IRDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी बीमा कंपनियों को अपने ग्राहकों के लिए यह UPI फंड-ब्लॉकिंग सुविधा प्रदान करनी होगी। बीमा प्रस्ताव फॉर्म में एक विकल्प दिया जाएगा, जिससे पॉलिसीधारक यह तय कर सकेंगे कि वे इस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं।

पॉलिसीधारकों के लिए वैकल्पिक सुविधा

यह सुविधा पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। यदि कोई ग्राहक UPI फंड-ब्लॉकिंग फीचर का उपयोग नहीं करना चाहता है, तो इससे उनके बीमा प्रस्ताव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

UPI फंड ब्लॉकिंग फीचर के प्रमुख लाभ

सुविधाजनक प्रीमियम भुगतान – बीमा राशि पहले से सुरक्षित रखने से भुगतान प्रक्रिया आसान होगी।
भुगतान विफलता में कमी – पॉलिसी स्वीकृत होते ही स्वचालित डेबिट से भुगतान में कोई बाधा नहीं आएगी।
ब्याज का लाभ – 15 दिनों की अवधि के दौरान ब्लॉक की गई राशि पर ग्राहक को ब्याज मिलता रहेगा।
सुरक्षा में बढ़ोतरी – राशि केवल पॉलिसी स्वीकृत होने पर ही डेबिट होगी, जिससे अनधिकृत कटौती की संभावना कम होगी।

यह नई UPI सुविधा बीमा पॉलिसीधारकों के लिए अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और कुशल भुगतान प्रणाली प्रदान करेगी। अधिक जानकारी के लिए ग्राहक अपनी बीमा कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं।

Sagar Parmar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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