सेविंग अकाउंट में भूलकर भी जमा ना करे इससे ज्यादा कैश, नहीं तो एक सप्ताह के अंदर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस
नई दिल्ली :- अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में निर्धारित लिमिट (Saving Account Cash deposit Limit ) से ज्यादा पैसे जमा करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है। इसके तहत, धारा 114B के अनुसार, बैंक को हर बड़ी रकम जमा होने की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। यह कदम टैक्स चोरी को रोकने और वित्तीय ट्रांजेक्शन्स (cash transactions rules) की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसलिए, यदि आप बड़े पैमाने पर पैसे जमा कर रहे हैं, तो आपको इसके परिणामों के बारे में जानना और सावधान रहना चाहिए। अगर आप इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई या नोटिस (IT notice rules) से बचना चाहते हैं तो सेविंग अकाउंट में पैसे रखने के की लिमिट को जरूर जान लें।
हर ट्रांजेक्शन पर ऐसे नजर रखता है इनकम टैक्स
इनकम टैक्स विभाग हर व्यक्ति की हर ट्रांजेक्शन पर नजर रखता है। इसके लिए आपका पेन कार्ड आपके खाते से जुड़ा होता है। इसलिए जब भी आप डिजिटल, ऑनलाइन ट्रांसफर, एटीएम या मैनुअल रूप से खाते में पैसा जमा करते हैं या निकालते हैं तो इनकम टैक्स (Income tax new rules) को भी इसकी सूचना मिलती रहती है।
बचत खाते में रुपये रखने की सीमा
अगर इनकम टैक्स के नियम को देखें तो एक वित्तीय वर्ष में बैंक खाते (bank account rules) में नकद जमा की 10 लाख रुपये की एक निश्चित सीमा होती है। अगर इस सीमा से ज्यादा राशि जमा की जाती है, तो संबंधित बैंक को सरकारी विभाग को सूचित करना पड़ता है। यह प्रक्रिया इनकम टैक्स अधिनियम 1962 (income tax act 1962) की धारा 114B कानून के तहत होती है, और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी खाते में तय लिमिट से ज्यादा पैसे जमा न हो, अगर ऐसा है तो टैक्स नियमों (income tax rules) का पालन ग्राहक को करना होगा। विभाग ऐसे लेन-देन पर निगरानी रखता है, ताकि किसी भी अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
इस स्थिति में आता है नोटस
इनकम टैक्स विभाग विभाग की ओर से नोटिस (income tax notice) भेजने के भी नियम तय हैं। हर साल एक वित्त वर्ष में जमा की गई राशि का हिसाब सभी खातों को मिलाकर किया जाता है। अगर किसी के खाते में एक निश्चित राशि से अधिक पैसा है, तो उसे विभाग द्वारा देखा जाता है और नोटिस जारी किया जा सकता है। इससे ज्यादा राशि होने पर व्यक्ति को टैक्स का भुगतान (tax payment rules) करना पड़ सकता है। यह नियम सभी प्रकार के खातों पर लागू होते हैं, और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर लेन-देन सही तरीके से रिपोर्ट हो और कोई अवैध गतिविधि न हो।
ब्याज पर ऐसे देने पड़ता है टैक्स
कोई व्यक्ति हर साल 10 लाख रुपये की आय अर्जित करता है और उसे इस आय पर 10,000 रुपये ब्याज मिलता है, तो उसकी कुल आय 10,10,000 रुपये होती है। अगर कोई व्यक्ति एक वर्ष में तय सीमा (saving account cash deposit rules) से अधिक राशि रखता है, तो उसे विभाग को सूचित करना जरूरी है। ऐसा न करने पर विभाग कार्रवाई कर सकता है। यह नियम सभी पर लागू होता है, ताकि किसी भी प्रकार की गलत जानकारी से बचा जा सके।