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इन बैंकों में सिर्फ 6 महीने में FD का पैसा होगा डबल, पैसे लगाने से पहले देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली :- फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) भारत में एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है, लेकिन निवेशक अक्सर ये सवाल करते हैं कि क्या छोटी अवधि की FD शानदार रिटर्न दे सकती है, या फिर लंबी अवधि के निवेश ही फायदे का सौदा होते हैं? निश्चित रूप से लंबी अवधि की FDs से ज्यादा स्थिरता और लाभ देती हैं, लेकिन छोटी अवधि की FDs (7 दिन से लेकर 1 साल तक) कुछ खास वित्तीय जरूरतों के लिए बेहतरीन हो सकती हैं. तो कब और क्यों चुनें छोटी अवधि की FD? जानिए उन अहम पहलुओं के बारे में जो आपको सही फैसला लेने में मदद करेंगे.”

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कम अवधि की एफडी कब लगाएं पैसे?

एक्ट्रा कैश पड़े होने पर

पास में एक्स्ट्रा कैश हो, जिन्हें आप जल्द ही इस्तेमाल कर सकते हैं, तो उसे कम अवधि की FD में ब्लॉक करना बेहतर साबित हो सकता है. ये आपकी सेविंग को सुरक्षित रखने के साथ-साथ, बचत खाते से ज्यादा बेहतर रिटर्न भी देती है.

इमरजेंसी फंड

इमरजेंसी फंड का कुछ हिस्सा कम अवधि की FD में रखना, न सिर्फ आपकी रकम को सुरक्षित रखता है, बल्कि इस पर आपको ब्याज भी मिलता है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर आप इसे इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

शॉर्ट टर्म गोल के लिए कलेक्ट किए जा रहे पैसे

अगर आप अपनी छुट्टियों, शादी या नए गैजेट की खरीदारी जैसे शॉर्ट-टर्म लक्ष्य के लिए पैसे जमा कर रहे हैं, तो 1 साल तक की FD आपको सुनिश्चित रिटर्न देती है, ताकि आपका सपना बिना किसी चिंता के पूरा हो सके.

बेहतर निवेश का इंतजार

बेहतर बाजार स्थितियों की प्रतीक्षा कर रहे निवेशक कैश को निष्क्रिय पड़े रहने देने के बजाय अस्थायी रूप से कम अवधि की एफडी में पैसे लगा सकते हैं.

अनिश्चित ब्याज दर में उतार-चढ़ाव

अगर ब्याज दरें बढ़ने वाली हैं, तो लंबी अवधि की FD में पैसे लॉक करना उतना फायदेमंद नहीं हो सकता. इसके बजाय, छोटी अवधि की FD आपको बाद में बेहतर दरों पर फिर से निवेश करने का मौका देती है.

कम अवधि की एफडी में पैसे लगाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

इंटरेस्ट रेट

बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी द्वारा दी जाने वाली FD दरों की तुलना करें. प्राइवेट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक अधिक रिटर्न दे सकते हैं.

समय से पहले निकासी के नियम

कम अवधि की एफडी में मैच्योरिटी से पहले निकासी करने पर जुर्माना लग सकता है.

टैक्स नियम

जो ब्याज आप कमाते हैं, वो ‘दूसरे सोर्स से इनकम’ के तहत टैक्स योग्य होता है और अगर यह रिटर्न लिमिट से ज्यादा हो, तो TDS का भी सामना करना पड़ सकता है.

पैसे निकालने की शर्त

सुनिश्चित करें कि आपकी फंड्स ऐसी जगह न हों, जहां आप जरूरत पड़ने पर तुरंत पहुंच न सके.

6 महीने से लेकर 1 साल की एफडी पर ये बैंक दे रहे हैं बेहतर रिटर्न

छोटी अवधि की FD आपकी लिक्विडिटी को आसानी से मैनेज करने और मामूली रिटर्न कमाने का सुरक्षित तरीका है. हालांकि, यह जरूरी है कि आप जानें कि आपको कितने रिटर्न मिलेंगे और अल्पकालिक में आपकी टैक्स देनदारी क्या होगी? शॉर्ट-टर्म गोल को पूरा करने के लिए FD एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

अगर आप 6 महीने से लेकर 1 साल की एफडी में पैसे लगाकर बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो नीचे 30 से अधिक बैंकों की एफडी रेट लिस्ट चेक कर सकते हैं.

बैंक का नाम 6 महीने से लेकर 1 साल की एफडी पर ब्याज दर
State Bank of India 6.25%-6.50%
UCO Bank 5%-7.30%
Union Bank of India 5%-6.35%
Axis Bank Ltd. 5.75%-6%
Bandhan Bank Ltd. 4.50%
Catholic Syrian Bank Ltd. 4.25%-7.25%
City Union Bank Ltd. 6%-7.5%
DCB Bank Ltd. 6.2%-7.25%
Dhanlaxmi Bank Ltd. 6%-7.25%
Federal Bank Ltd. 5.50%-6.50%
HDFC Bank Ltd 4.5%-6%
ICICI Bank Ltd. 4.75%- 6%
IDBI Bank Limited 5.50%-7.05%
IndusInd Bank Ltd 5%- 6.50%
IDFC First Bank Ltd. 4.5%-5.75%
Jammu & Kashmir Bank Ltd. 5.5%- 7%
Karnataka Bank Ltd 6.25%
Karur Vysya Bank Ltd. 6%-7.4%
Kotak Mahindra Bank Ltd 6%-7%
Nainital bank Ltd. 4.95%- 7%
RBL Bank Ltd 4.75%- 6.05%
South Indian Bank Ltd. 4.5%-6.55%
Tamilnad Mercantile Bank Ltd. 6.50%-7.60%
YES Bank Ltd. 5%-6.50%
Bank of Baroda 5.60%-6.50%
Bank of India 6.00%
Bank of Maharashtra 5.25%-6.90%
Canara Bank 6.15%-6.25%
Central Bank of India 6.25%
Indian Bank 3.85%-7.05%
Indian Overseas Bank 5.75%
Punjab & Sind Bank 5.25%-7.20%
Punjab National Bank 6.25%-7.05%

Sagar Parmar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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