नहीं भर पा रहे है लोन की किस्त तो तुरंत करे ये काम, CIBIL स्कोर खराब नहीं होगा
नई दिल्ली :- महंगाई के इस दौर में लोगों के लिए घर, कार या अन्य जरूरतों को पूरा करना बिना लोन के मुश्किल हो गया है। बैंक से लोन लेने के बाद नियमित रूप से उसकी EMI चुकाना जरूरी होता है, ताकि आपका CIBIL स्कोर अच्छा बना रहे। लेकिन कभी-कभी वित्तीय परेशानियों के कारण लोन की EMI चुकाना कठिन हो सकता है। ऐसे में घबराने की बजाय कुछ उपाय अपनाकर आप अपना CIBIL स्कोर खराब होने से बचा सकते हैं।

बैंक मैनेजर से करें संपर्क
अगर किसी कारणवश आपकी EMI छूट रही है, तो सबसे पहले बैंक मैनेजर से संपर्क करें। अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में उन्हें बताएं और EMI भुगतान में कुछ समय की राहत देने का अनुरोध करें। कई बार बैंक आपकी वित्तीय स्थिति को समझते हुए पेनल्टी कम कर सकते हैं या आपको कुछ समय की मोहलत दे सकते हैं।
तीन महीने तक किस्त न भरने पर होता है CIBIL स्कोर प्रभावित
अगर आप लगातार तीन महीने तक लोन की EMI नहीं चुकाते हैं, तो बैंक आपके CIBIL स्कोर को कम कर सकता है। बैंक इस स्थिति में क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट भेजता है, जिससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि सिर्फ एक या दो किस्त बाउंस हुई हैं, तो बैंक से बातचीत करके उन्हें भरने की कोशिश करें और मैनेजर से रिक्वेस्ट करें कि वह आपके CIBIL स्कोर पर नकारात्मक रिपोर्ट न भेजें। इससे भविष्य में लोन लेने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
एरियर EMI का विकल्प चुनें
बैंक से लोन लेते समय आपको दो तरह की EMI भुगतान की सुविधा मिलती है – एडवांस EMI और एरियर EMI। अधिकतर लोग एडवांस EMI का विकल्प चुनते हैं, जिसमें महीने की शुरुआत में किस्त का भुगतान करना होता है। लेकिन अगर आप किसी कारणवश समय पर EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो आप बैंक से एरियर EMI का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें आप महीने के अंत में EMI जमा कर सकते हैं। यह विकल्प आपकी वित्तीय स्थिति को कुछ हद तक आसान बना सकता है।
CIBIL स्कोर खराब होने से कैसे बचें?
- बजट प्लानिंग करें – हर महीने अपनी आय और खर्चों का सही से आकलन करें, ताकि EMI चुकाने में कोई दिक्कत न हो।
- ऑटो-डेबिट सुविधा अपनाएं – EMI समय पर कटने के लिए अपने बैंक खाते में ऑटो-डेबिट सेट करें, जिससे भुगतान में देरी न हो।
- छोटे लोन लेने से बचें – अगर पहले से लोन चल रहा है, तो अतिरिक्त कर्ज लेने से बचें ताकि EMI चुकाने का बोझ न बढ़े।
- बैंक से कम ब्याज दर पर पुनर्गठन की मांग करें – यदि आप वित्तीय रूप से बहुत अधिक दबाव में हैं, तो बैंक से लोन के पुनर्गठन (restructuring) की मांग करें।