हरियाणा सरकार को चुना लगाने के लिए छह हजार लोगों के तलाक से हड़कंप, अब एक एक पर गिरेगी गाज
चंडीगढ़ :- गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मिलने वाली सुविधाएं लेने के लिए हरियाणा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राज्य सरकार की ओर से लागू परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में छेड़छाड़ कर बीपीएल श्रेणी के लिए तय वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम दिखाई जा रही है। फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के खिलाफ झज्जर पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में चालान पेश किया है। इसके अनुसार करीब छह हजार जोड़ों ने तलाक के फर्जी कागजात लगाकर पीपीपी में परिवार विभाजित करा लिया। इससे उनकी आय गरीबी रेखा के लिए निर्धारित सीमा से कम हो गई।
तलाक के फर्जी कागजात
चालान के मुताबिक, पीपीपी में नाम विभाजित कराने के लिए कई मामलों में पहले परिवार के सदस्य को तलाक के फर्जी कागजात लगाकर अलग किया गया। फिर दूसरे सदस्य को भी पहले किसी अन्य परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया। कई मामलों में तो एक परिवार के सदस्य को कई परिवार पहचान पत्रों में दिखाया गया है।